Candlestick Pattern in Hindi: यदि आप एक बेगिनेर हैं और आप शेयर मार्केट के बारे में सीखना चाहते हैं तो उसके लिए टेक्निकल एनालिसिस को सिखना बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है और टेक्निकल एनालिसिस को अच्छी तरह से समझने के लिए हमें कैंडलेस्टिक पेटर्न का समझ होना जरूरी है।
अगर हम कैंडलेस्टिक पेटर्न को ठीक से नहीं समझे तो हम टेक्निकल एनालिसिस को सही से इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। हर एक ट्रेडर या इन्वेस्टर को कैंडलेस्टिक पेटर्न का समझ होना बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट है। इसीलिए आज हम इस ब्लॉग में ज्यादातर इस्तेमाल होने वाले कैंडलेस्टिक पेटर्न्स के बारे में सीखेंगे।
कैंडलस्टिक्स क्या हैं? (What are Candlesticks in Hindi)
कैंडलस्टिक्स (Candlesticks) की शुरुआत साल 1850 के आस-पास जापान के एक चावल ट्रेडर ‘मुनेहिसा हुमा’ के द्वारा चावल की कीमत को ट्रैक करने के लिए क्या गया था, इसलिए इसे जापानी कैंडल भी कहा जाता है।
जापान के चावल ट्रेडर्स कैंडलस्टिक चार्ट के मदद से चावल की फ्यूचर प्राइस मूवमेंट्स के बारे में भविष्यवाणी करते थे।
कैंडलस्टिक जिसे हम कैंडल भी बोलते हैं, जो आयताकार का होता है और हर एक कैंडलस्टिक एक निश्चित समय अंतराल अवधि को दिखाता है।
जैसे कि 1 मिनट, 1 घंटा, 1 दिन और 1 सप्ताह का कैंडलस्टिक्स। एक कैंडलस्टिक अपने समय अंतराल में एक शेयर के 4 महत्वपूर्ण कीमतों को बताती हैं और वो चार कीमतें हैं शुरुआती कीमत (opening price), समापन कीमत (closing price), उच्चतम कीमत (highest price) या सबसे कम कीमत (lowest price)।
Candlesticks कितने प्रकार के होते हैं?
मूल रूप से, कैंडलस्टिक्स 2 प्रकार के होते हैं:
1) बुलिश/पॉजिटिव कैंडल: जो कैंडलस्टिक मार्केट प्राइस को को ऊपर लेकर जाता है उसे हम बुलिश/पॉजिटिव कैंडल बोलते हैं।
2) बेयरिश/नेगेटिव कैंडल: ज़ो कैंडलस्टिक मार्केट प्राइस को नीचे लेकर जाता है उसे हम बेयरिश/नेगेटिव कैंडल बोलते हैं। [Candlestick Pattern in Hindi]
कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है? (What is a Candlestick Pattern in Hindi)
कैंडलस्टिक पेटर्न्स (Candlestick Pattern) तकनीकी विश्लेषण (technical analysis) में इस्तमाल किये जाते हैं और यह किसी भी शेयर का प्राइस मूवमेंट प्रतिनिधित्व करता है, किसी एक विशिष्ट समय अवधि में।
ट्रेडर्स तथा इन्वेस्टर्स मार्केट की ट्रेंड्स, रिवर्सल्स और बाजार की धारणा (market sentiment) को समझने के लिए कैंडलस्टिक पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं।
कैंडलस्टिक पैटर्न कितने प्रकार के होते हैं?
कैंडलेस्टिक पेटर्न तीन (3) प्रकार के होते हैं:
1) सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न (Single Candlestick Pattern):
सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न एक ऐसा कैंडलेस्टिक पेटर्न है, जिसे बनने में सिर्फ एक कैंडल की जरूरत पड़ती है और इसी को ही हम सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न (Single Candlestick Pattern) बोलते हैं।
2) डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न (Double Candlestick Pattern):
डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न एक ऐसा कैंडलेस्टिक पेटर्न है, जिसे बनने में दो कैंडल्स की जरूरत पड़ती है और इसी को ही हम डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न (Double Candlestick Pattern) बोलते हैं।
3) ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न (Triple Candlestick Pattern):
ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न एक ऐसा कैंडलेस्टिक पेटर्न है, जिसे बनने मेंतीन कैंडल कीजरूरत पड़ती है और इसी को ही हम ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न बोलते हैं।
कैंडलेस्टिक बेसिक्स (Candlestick Basics)
आपने आम तौर पर दो प्रकार की मोमबत्तियाँ देखी होंगी एक होती है हरी मोमबत्ती और दूसरी होती है लाल मोमबत्ती।
ग्रीन कैंडल तब बनती है जब शेयर की कीमत बढ़ती है और इसलिए इसको बुलिश कैंडल भी बोला जाता है। और लाल कैंडल तब बनती है जब शेयर की कीमत गिरती है, इसलिए इसको मंदी वाली कैंडल भी कहा जाता है। [Candlestick Pattern in Hindi]
कैंडलस्टिक पैटर्न का मनोविज्ञान क्या है? (Psychology of Candlestick Patterns in Hindi)
अगर आप एक शुरुआती हैं और शेयर बाजार में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आपको कैंडलस्टिक पैटर्न का मनोविज्ञान (psychology) को समझना बहुत जरूरी है।
क्योंकि जब एक ट्रेडर कैंडलस्टिक पैटर्न साइकोलॉजी को मास्टर करते हैं तो वह बेहतर निर्णय लेते हैं और मार्केट बिहेवियर को भी अच्छे से समझते हैं।
कैंडलेस्टिक पेटर्न्स का मनोविज्ञान को बेहतर तरीके से जानने के लिए इन सब बातों का जरूर ध्यान रखें:
1) हमेशा याद रखना की साइडवेज़ मार्केट में दुनिया की कोई भी कैंडलस्टिक काम नहीं करेगी, जब कोई पैटर्न बनने से पहले अच्छा राइस या फल होगा तब ही वह काम करेगा।
2) अपट्रेंड में हमेशा बुलिश कैंडलस्टिक ढूंढिए और डाउनट्रेंड में हमेशा बेयरिश कैंडलस्टिक ढूंढिए। क्योंकि ट्रेंड के विपरीत में आप जो भी कैंडलस्टिक सेलेक्ट करेंगे वो आपको सिर्फ स्टॉप लॉस ही देगी।
3) अगर आप कोई ऐसा कैंडलस्टिक पैटर्न सेलेक्ट करेंगे जो कोई इंडिकेटर या प्राइस एक्शन का सपोर्ट हो तो बहुत बढ़िया काम करेगा।
19 आम कैंडलेस्टिक पेटर्न्स जो हर ट्रेडर को जानना जरूरी है:
1. मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न (Marubozu Candlestick Pattern in Hindi)
मारुबोज़ू जो शब्द है जापानी में इसका मतलब एक टकला आदमी होता है। मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न में ना कोई अपर शैडो होता है और ना कोई लोअर शैडो होता है।
अगर इसमें छोटी सी ऊपरी छाया या निचली छाया होती है तो उसको भी हम मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न पर ही विचार करते हैं।इस कैंडलस्टिक पैटर्न में आम तौर पर छाया या बाती नहीं होती है, सिर्फ एक बड़ी सी लंबी सी बॉडी होती है।
मारूबोज़ू कैंडलेस्टिक पेटर्न्स दो तरह के होते हैं, एक होता है बुलिश मारूबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न और दूसरी होती है बियरिश मारूबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न।
a) बुलिश मारुबोज़ू मोमबत्ती (Bullish Marubozu Candle)
जब भी बुलिश मारूबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न बनता है इसका मतलब यह है कि यहां पर खरीदार बहुत ज्यादा सक्रिय (active) और प्रभावी (dominant) हैं, इसकी वजह से शेयर की कीमत और ज्यादा बढ़ सकती है।
बुलिश मारुबोज़ू कैंडल में ट्रेंड की कोई भी अहमियत नहीं होती है। अगर कोई एक शेयर डाउनट्रेंड में है और तब जाकर हारा मारुबोज़ू कैंडल बनता है तो इसके बाद उस शेयर का दाम बढ़ने के चांस होते हैं।
अगर किसी शेयर की कीमत पहले से ही बढ़ रही है, शेयर अपट्रेंड में है और उसके बाद भी बुलिश मारुबोज़ू कैंडलस्टिक पैटर्न बन जाता है तो इसका मतलब यह होता है कि यहां से शेयर की कीमत और ज्यादा बढ़ सकती है।
b) बेयरिश मारुबोज़ू मोमबत्ती (Bearish Marubozu Candle)
जब भी कोई बियरिश मारुबोज़ू कैंडल बनता है इसका मतलब यह है कि यह कैंडल मैं मुख्य विक्रेता बहुत आक्रामक (agressive) है और विक्रेताओं के हाथ में प्रभुत्व (dominance) है, जिसकी वजह से शेयर की कीमत और ज्यादा गिर सकती है।
इस पैटर्न में भी ट्रेंड की कोई भी अहमियत नहीं होती है। अगर शेयर की कीमत बढ़ रही है और ऐसे में अगर ये मंदी मारुबोज़ू कैंडलेस्टिक पेटर्न्स बन जाता है तो उसके बाद शेयर की कीमत गिरने के चांस होते हैं।
अगर किसी शेयर की कीमत पहले से ही गिर रही है और उसके बाद लाल मारूबोज़ू कैंडल बन जाता है तो यहां से भी चांस होते हैं कि शेयर की कीमत और ज्यादा गिर सकती है। [Candlestick Pattern in Hindi]
2. स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न (Spinning Top Candlestick Pattern in Hindi)
स्पिनिंग टॉप कैंडलस्टिक पैटर्न देखने में लट्टू की तरह होता है। यह कैंडलस्टिक पैटर्न भी दो तरीकों का होता है एक होता है बुलिश स्पिनिंग टॉप और दूसरा होता है बियरिश स्पिनिंग टॉप।
a) बुलिश स्पिनिंग टॉप कैंडल (Bullish Spinning Top Candle)
इस कैंडलस्टिक पैटर्न में रंग का कोई भी महत्व नहीं होता है यानी कि यह जो बुलिश स्पिनिंग टॉप है यह हरे रंग का भी हो सकता है और लाल रंग का भी हो सकता है।
इस कैंडलस्टिक पैटर्न को बन्ने के लिए महत्वपूर्ण ये है कि इसकी जो ऊपरी और निचली छाया है ये डोनो लंबी होनी चाहिए, मतलब की जो ऊपरी और निचली छाया है वो कैंडल की बॉडी के लगभग दो गुना के आस-पास बड़ा होना चाहिए।
ज़रूरी नहीं है कि इसकी ऊपर और नीचे की छाया बिल्कुल बराबर हो, थोड़ा ऊपर और नीचे से छोटी-बड़ी भी हो सकती है।
सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि एक स्पिनिंग टॉप को बुलिश स्पिनिंग टॉप होने के लिए जो शेयर की कीमत है वह डाउनट्रेंड में होनी चाहिए।
b) बेयरिश स्पिनिंग टॉप (Bearish Spinning Top)
इस पैटर्न में भी कलर की कोई भी अहमियत नहीं होती है, यानी कि बियरिश स्पिनिंग टॉप रेड कलर का भी हो सकता है और ग्रीन कलर का भी हो सकता है।
बियरिश स्पिनिंग टॉप कैंडलेस्टिक पेटर्न्स में भी विक (wick) की साइज़ दो गुना बड़ी होनी चाहिए इसकी बॉडी से।
बेयरिश स्पिनिंग टॉप पैटर्न जो है ये हमेशा अपट्रेंड में बनता हुआ दिखता है और इस पैटर्न से हमें संकेत मिलता है कि अब बाजार की कीमत गिरावट की ओर जाने वाला है। [Candlestick Pattern in Hindi]
3. दोजी कैंडलस्टिक पैटर्न (Doji Candlestick Pattern in Hindi)
दोजी कैंडलस्टिक पैटर्न जो होते हैं यह देखने में बिल्कुल स्पिनिंग टॉप जैसा ही दिखता है, बस फर्क सिर्फ इतना है कि जो दोजी कैंडल होते हैं वह स्पिनिंग टॉप की तुलना में उसकी बॉडी छोटी होती है।
दोजी कैंडलस्टिक पैटर्न की बॉडी बहुत ज्यादा छोटी होती है लेकिन इसकी जो विक्स होती है वह बहुत ज्यादा लंबी होती है। यानि इसकी जो ओपनिंग और क्लोजिंग प्राइस है वह बहुत ही आस पास होते हैं।
इस पैटर्न में खरीदार और विक्रेता डोनो ही आक्रामक होते हैं और डोनो ही इधर जूझता हुआ नज़र आता है, इसीलिए ये जो मोमबत्तियाँ होती हैं ये अनिर्णय को बताती हैं।
मतलब की अगर आपको बाजार में दोजी मोमबत्तियां बंता हुआ दिखे तो आपको हमेशा ही ट्रेड लेने से बचना चाहिए।
अगर दोजी कैंडलस्टिक पैटर्न डाउनट्रेंड में बंता हुआ दिखे तो उसे हम बुलिश दोजी बोलेंगे और अगर दोजी कैंडलस्टिक पैटर्न डाउनट्रेंड में बंता हुआ दिखे तो उसे हम बेयरिश दोजी बोलेंगे।
a) ड्रैगनफ्लाई दोजी कैंडलस्टिक पैटर्न (Dragonfly Doji Candlestick Pattern)
ड्रैगनफ्लाई एक कीट होता है और इसके नाम के ऊपर ही इस कैंडलस्टिक पैटर्न का नाम पड़ा है ड्रैगनफ्लाई दोजी।
ये जो कैंडलस्टिक पैटर्न है चार्ट में ‘T’ की तरफ नजर आती है, ये हरा रंग भी हो सकता है और लाल रंग भी हो सकता है।
तो मूलतः जब भी आपको ‘T’ जैसा कैंडलस्टिक पैटर्न दिखाई दे तो इसको ड्रैगनफ्लाई दोजी कहा जाता है।
ये एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न है, इसीलिये इस कैंडलस्टिक पैटर्न को बनने के बाद शेयर की कीमत बढ़ने की संभावना होती है और ये कैंडलेस्टिक पेटर्न्स डाउनट्रेंड में बनता है।
b) ग्रेवस्टोन दोजी कैंडलस्टिक पैटर्न (Gravestone Doji Candlestick Pattern)
ये जो ग्रेवस्टोन डोजी कैंडलस्टिक पैटर्न है ये ड्रैगनफ्लाई डोजी के बिल्कुल ही उल्टा है मतलब की उल्टा ‘T’।
ये एक बियरिश कैंडलस्टिक पैटर्न है और ये कैंडलस्टिक पैटर्न अपट्रेंड में बनता है और इस कैंडलस्टिक पैटर्न को बनने के बाद शेयर की कीमत गिरने की संभावना होती है। [Candlestick Pattern in Hindi]
4. हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न (Hammer Candlestick Pattern in Hindi)
यह जो हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न्स है इसके नाम में जो हैमर है इसका मतलब हथोड़ा है। यह एक बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न है, यानी इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के बनने के बाद शेयर की कीमत बढ़ने की संभावना होते हैं।
हैमर कैंडल में बायर्स का कंट्रोल ज्यादा होता है, इसीलिए यह कैंडल बनने के बाद शेयर की प्राइस आपट्रेड में जाता हुआ दिखाई देता है। जब भी कोई हैमर कैंडल बनता है, इसमें आपको यह बात ध्यान रखनी है कि जो इसकी निचली छाया होता है वह इसकी बॉडी के एटलिस्ट 2 गुना होना चाहिए, तभी इसको हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न कंसीडर किया जाएगा।
सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट पॉइंट यह है कि एक हैमर कैंडल तभी बुलिश सिग्नल देगी जब वह डाउनट्रेंड में होगी, यानी पहले शेयर की प्राइस गिर रही थी और उसके बाद हैमर कैंडल बनने के बाद शेयर की प्राइस अपट्रेंड में जाएगी। [Candlestick Pattern in Hindi]
सम्बंधित लेख: Hammer Candlestick Pattern in Hindi: सीखे और उपयोग करें
5. हैंगिंग मैन कैंडलस्टिक पैटर्न (Hanging Man Candlestick Pattern in Hindi)
हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पेटर्न जो है वह दिखने में बिल्कुल हैमर कैंडल जैसा ही दिखाई देता है। इस कैंडल का नाम हैंगिंग मैन पड़ा है एक ऐसे व्यक्ति के ऊपर जो की लटक रहा है, इसीलिए इसको हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पेटर्न्स कहा जाता है।
यह एक बेयरिश कैंडलेस्टिक पेटर्न होता है यानी इस कैंडलेस्टिक पैटर्न बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं। हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पेटर्न यह दिखने में बिल्कुल हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न की तरह दिखाई देता है, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न डाउनट्रेंड में बनता है और हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पेटर्न अपट्रेंड में बनता है।
यानी अगर हैमर जैसा ही दिखने वाला कैंडलेस्टिक पेटर्न अपट्रेंड मैं बने तो उसे हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है। इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का जो साइज है वह बिल्कुल हैमर जैसा ही है, तो इसकीभी जो लोअर वीक है वह भी इसकी बॉडी के कंपैरिजन में इसके दो गुना होनी चाहिए।[Candlestick Pattern in Hindi]
6. उलटा हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न (Inverted Hammer Candlestick Pattern in Hindi)
इनवर्टेड हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का मतलब है उल्टा रखा हुआ हथौड़ा। इनवर्टेड हैमर यह एक बुलिश पैटर्न है और यह पैटर्न बनने के बाद शेयर की प्राइस बढ़ने की चांसेस होते हैं।
हैमर और हैंगिंग मैन कैंडलेस्टिक पेटर्न की तरह इनवर्टेड हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न मैं भी इसकी शैडो दो गुना बड़ा होता है इसकी बॉडी से। इस पैटर्न में भी कलर की कोई मायने नहीं रखता, चाहे यह ग्रीन कलर का हो या रेड कलर का हो इसको बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न ही कहा जाएगा।
7. शूटिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न (Shooting Star Candlestick Pattern in Hndi)
शूटिंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न जो है यह बिल्कुल इनवर्टेड हैमर जैसा ही दिखाई देता है और इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का जो नाम है वह टूटता हुआ सितारा के ऊपर रखा गया है।
इनवर्टेड हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न्स की तरह इस पैटर्न का भी अपर शैडो दुगनी लंबी होती है। लेकिन इसके जो लोअर शैडो होती है वह बिल्कुल छोटी होती है या तो बिल्कुल भी नहीं होती है।
शूटिंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न हमेशा अपट्रेंड में बनता हुआ दिखाई देता है और इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस डाउन ट्रेंड में जाता हुआ दिखाई देता है, क्योंकि इसको बेयरिश कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है।
इस पैटर्न में भी कलर की कोई भी इंपॉर्टेंस नहीं होती है, मतलब कि यह कैंडलेस्टिक पेटर्न अगर ग्रीन या रेड कलर का भी बनता है फिर भी इसे शूटिंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न ही विचार किया जाएगा। [Candlestick Pattern in Hindi]
8. बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न (Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi)
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न जो है यह एक बुलिश पैटर्न है यानी इसके बनने के बाद शेयर की प्राइस बढ़ने की चांसेस होते हैं। इसको डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है जिसको बनने के लिए दो कैंडल्स की जरूरत पड़ती है।
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न डाउन ट्रेंड में बनता हुआ दिखाई देता है। जब भी डाउन ट्रेंड मैं एक रेड कैंडल बनता है और उसके बाद एक ग्रीन कैंडल बनता है, लेकिन लाल कैंडल बनने के बाद हरी कैंडल जो बन रही है इसमें कंडीशन यह है कि इसमें गैप अप ओपनिंग होनी चाहिए।
तो आप चित्र में देख सकते हैं कि दोनों कैंडल्स की बीच में अच्छी खासी गैप अप ओपनिंग हुई है, तो बुलिश किकर पैटर्न बनने के लिए दोनों कैंडल्स के बीच में गैप होना जरूरी है और इसीलिए इसका नाम किकर पैटर्न है।
9. बेयरिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न (Bearish Kicker Candlestick Pattern in Hindi)
बेयरिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न्स बिल्कुल ही ऑपोजिट है बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न की। इस पैटर्न के नाम से ही आपको समझ आ रहा है कि यह एक बेयरिश कैंडलेस्टिक पेटर्न है और इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं।
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न अपट्रेड में बनता है, यानी जब अपट्रेंड में पहली कैंडल ग्रीन और दूसरी कैंडल रेड कलर का बनता है और क्योंकि यह एक बेयरिश कैंडलेस्टिक पेटर्न है तो इसमें गैप डाउन ओपनिंग होगा।
मतलब की अगर ग्रीन और रेड कैंडल्स के बीच में अच्छी खासी गैप हो तो उसे बेयरिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न कह लायेगा। [Candlestick Pattern in Hindi]
10. बुलिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न (Bullish Engulfing Candlestick Pattern in Hindi)
बुलिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न भी डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न है और इसके बनने के बाद शेयर मार्केट की प्राइस बढ़ने की चांसेस होती है और एनगल्फिंग का मतलब है ढकना (cover) करना।
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न आपको हमेशा डाउन ट्रेंड में ही बनता हुआ दिखेगा, उसके बाद आपको पहली कैंडल रेड कलर का बनता हुआ दिखेगा और दूसरी कैंडल ग्रीन कलर का बनता हुआ दिखेगा।
क्योंकि यह एक एनगल्फिंग पैटर्न है, इसीलिए ग्रीन कलर की कैंडल रेड कलर की कैंडल को पूरा कर करते हुए दिखेगा। तो इस तरह से अगर आपको एक कैंडलेस्टिक पेटर्न बनता हुआ दिखे तो उसे हम बुलिश एनगल्फिंग कैंडलेस्टिक पेटर्न्स बोलेंगे। [Candlestick Pattern in Hindi]
11. बियरिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न (Bearish Engulfing Candlestick Pattern in Hindi)
बियरिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न भी बिल्कुल ही ऑपोजिट है बुलिश एनगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न के। इस कैंडलेस्टिक पैटर्न में जो मार्केट की प्राइस है वह अपट्रेंड में होना चाहिए और उसके बाद जो पहली कैंडल बनेगी वह ग्रीन कलर की होगी और दूसरी कैंडल जो होगी वह रेड कलर की होगी।।
इस कैंडलेस्टिक पेटर्न में जो दूसरी कैंडल है यानी की रेड कैंडल वह पहले वाली कैंडल यानी कि ग्रीन कैंडल को कवर करता हुआ दिखेगा, इसीलिए इसको बियरिश एनगल्फिंग कैंडलेस्टिक पेटर्न्स कहा जाता है और इस पैटर्न के बनने के बाद आपको शेयर की प्राइस गिरते हुए दिखेंगे। [Candlestick Pattern in Hindi]
12. बुलिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न (Bullish Harami Candlestick Pattern in Hindi)
आप सभी को पता ही है कि बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न जापानी पैटर्न होता है तो जापानी में ‘हरामि’ का मतलब होता है एक ‘प्रेगनेंट लेडी’ और इस पैटर्न को बनने के बाद शेयर की प्राइस ऊपर की ओर जाता है।
यह कैंडलेस्टिक पेटर्न डाउन ट्रेंड में बनता है और जब भी आपको डाउन ट्रेंड में एक बड़ी सी रेड कलर की कैंडल बनती है और इस कैंडल के बनने के बाद एक ग्रीन कलर की कैंडल बन जाती है, जो कि रेड कलर कैंडल की बॉडी के अंदर ही बनती है।
तो क्योंकि ग्रीन कलर की कैंडल जो है वह रेड कलर की कैंडल के अंदर बनता है इसीलिए इसको बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न्स यानी प्रेगनेंट लेडी भी कहा जाता है। जैसे कि एक गर्भवती महिला अपने पेट में बच्चों को रखती है इस तरीके से यह जो रेड कलर की कैंडल है उसने अपनी ग्रीन कलर की कैंडल को अंदर रखती है।
13. बेयरिश हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न (Bearish Harami Candlestick Pattern in Hindi)
बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न भी बिल्कुल ही उल्टा होता है बुलिश हरामी कैंडलेस्टिक पैटर्न के। यह पैटर्न अपट्रेंड में बनता है और इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं।
बेयरिश हारामी कैंडलेस्टिक पेटर्न में पहली कैंडल बड़ी सी ग्रीन कलर की कैंडल बनती है और इस बड़ी ग्रीन कलर की कैंडल के बनने के बाद दूसरी कैंडल यानी छोटी सी लाल रंग की मोमबत्ती बनती है।
मतलब कि इस पैटर्न में ग्रीन कलर की कैंडल के बॉडी के अंदर रेड कलर की कैंडल बनना चाहिए और जब इस तरह की पैटर्न बनता हुआ नजर आएगा तो उसे हम बेयरिश हरामी कैंडलेस्टिक पेटर्न बोलेंगे। [Candlestick Pattern in Hindi]
14. भेदी रेखा कैंडलस्टिक पैटर्न (Piercing Line Candlestick Pattern in Hindi)
भेदी रेखा कैंडलेस्टिक पेटर्न एक बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न्स है, यानी इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस बढ़ने की चांसेस होते हैं। यह पैटर्न डाउन ट्रेंड में बनता है, यानी जब भी कोई डाउन ट्रेंड में पहली कैंडल बड़ी सी रेड कलर की बनती है और उसके बाद दूसरी जो कैंडल है वह ग्रीन कलर की कैंडल बनती है, तो उसे पियर्सिंग लाइन कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाएगा।
लेकिन यहां पर कंडीशन यह है कि रेड कलर की कैंडल के बनने के बाद ग्रीन कलर की जो कैंडल है वह रेड कलर की कैंडल से नीचे ओपन होना चाहिए। लेकिन क्लोजिंग की बात करें तो रेड कलर की जो कैंडल थी उसकी 50% यानी जो उसकी मिड लाइन है उससे ऊपर होनी चाहिए।
15. डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न (Dark Cloud Cover Candlestick Pattern in Hindi)
डार्क क्लाउड कवर कैंडलेस्टिक पेटर्न जो है यह बिल्कुल ही उल्टा है पियर्सिंग लाइन कैंडलेस्टिक पेटर्न के। जहां पियर्सिंग लाइन पैटर्न एक बुलिश पैटर्न था, लेकिन डार्क क्लाउड कवर कैंडलेस्टिक पेटर्न एक बेयरिश पैटर्न है।
यह पैटर्न अपट्रेंड में बनता है, जब भी कोई अपट्रेंड में पहली कैंडल बड़ी ग्रीन कलर की बनती है और उसके बाद दूसरी कैंडल रेड कलर की बनती है जो की ओपन होती है ग्रीन कलर की कैंडल की ऊपर, लेकिन क्लोज होती है बड़ी ग्रीन कलर कैंडल की 50% बॉडी के नीचे यानी ग्रीन कलर कैंडल के आधे से नीचे जाकर क्लोज होती है।
जब भी आपको चार्ट में कुछ इस तरीके की कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देती है तो उसको डार्क क्लाउड कवर कैंडलेस्टिक पेटर्न्स कहा जाता है और इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं। [Candlestick Pattern in Hindi]
16. मॉर्निंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न (Morning Star Candlestick Pattern in Hindi)
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न एक बुलिश पैटर्न है और इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस बढ़ने की चांसेस होते हैं। इस कैंडलेस्टिक पेटर्न को ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न भी कहा जाता है, क्योंकि इस पैटर्न को बनने के लिए तीन कैंडल्स की जरूरत पड़ती है।
मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न डाउन ट्रेंड में बनता है और क्योंकि यह एक ट्रिपल कैंडलेस्टिक पेटर्न है तो इसमें जो पहली कैंडल है वह लंबी लाल कलर की कैंडल बनती है यानी बेयरिश कैंडल बनती है। उसके बाद दूसरी जो कैंडल होती है वह छोटी कैंडल बनती है जो की दोजी या स्पिनिंग टॉप की तरह दिखाई देती है।
दूसरी कैंडल कलर ग्रीन या रेड कोई भी हो सकता है क्योंकि इसमें कलर की कोई भी मायने नहीं रखता है। और इस सेकंड कैंडल के बनने के बाद जो तीसरी कैंडल बनती है वह एक बड़ी ग्रीन कलर की कैंडल बनती है। [Candlestick Pattern in Hindi]
लेकिन यहां पर सबसे इंपॉर्टेंट यह है कि जो तीसरी कैंडल बनती है वह एक गैप अप ओपनिंग के साथ बननी चाहिए, यानी की दूसरी और तीसरी कैंडल के बीच में थोड़ा बहुत गैप होना चाहिए, तभी इसको हम मॉर्निंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न कंसीडर करेंगे।
इस पैटर्न का जो मॉर्निंग स्टार नाम है उसके पीछे का रीजन है जो इस पैटर्न में जो बीच वाली कैंडल होती है यानी दूसरी कैंडल बहुत ही ज्यादा छोटा होता है और कई बार यह तोजी कैंडल भी होता है जो की कुछ ‘+’ इस तरीके की दिखाई देती है, तो इसीलिए इसको हम स्टार बोलते हैं। और क्योंकि इस कैंडल के बनने के बाद शेयर की प्राइस बढ़ती है इसीलिए इसका नाम मॉर्निंग स्टार रखा गया है।
17. इवनिंग स्टार कैंडलस्टिक पैटर्न (Evening Star Candlestick Pattern in Hindi)
इवनिंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न्स जो होता है वह एक बेयरिश कैंडलेस्टिक पेटर्न होता है, इसीलिए इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं।
यह पैटर्न अपट्रेंड में बनता है, सबसे पहले अगर हमें यह पता करना है की कोई कैंडलेस्टिक पेटर्न इवनिंग स्टार है या फिर नहीं, तो उसके लिए हमें देखना होगा की सबसे पहले वाली जो कैंडल है वह ग्रीन कलर की बड़ी सी कैंडल बनना चाहिए। [Candlestick Pattern in Hindi]
उसके बाद जो दूसरी कैंडल बनना चाहिए वह बहुत ही छोटी कैंडल होनी चाहिए यह कैंडल ग्रीन या रेड कोई भी कलर की हो सकती है, इसमें कलर की कोई भी मायने नहीं रखता है।
इसमें सबसे इंपोर्टेंट बात यह है कि दूसरी कैंडल के बाद जो तीसरी कैंडल बनती है तो इसमें एक गैप डाउन ओपनिंग होनी चाहिए। यानी दूसरी और तीसरी कैंडल के बीच में थोड़ा सा गैप होना चाहिए।
इस पैटर्न में जो मिडिल कैंडल है इसको स्टार माना जाता है और क्योंकि इसके बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरते हैं, तो इसलिए यह एक इवनिंग स्टार है। जब भी चार्ट में कुछ इस तरह की कैंडलेस्टिक पेटर्न दिखाई देता है तो उसे हम इवनिंग स्टार कैंडलेस्टिक पेटर्न बोलेंगे। [Candlestick Pattern in Hindi]
18. तीन श्वेत सैनिक कैंडलस्टिक पैटर्न (Three White Soldiers Candlestick Pattern in Hindi)
तीन श्वेत सैनिक कैंडलस्टिक पैटर्न एक बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न्स है यानी इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस बढ़ने के चांसेस होते हैं और यह पैटर्न डाउन ट्रेंड में बनता हुआ दिखाई देता है।
जब भी डाउन ट्रेंड में तीन (3) बड़ी-बड़ी ग्रीन कलर की कैंडल्स एक साथ बनता हुआ दिखाई दे तो उसे हम थ्री व्हाइट सोल्जर कैंडलेस्टिक पेटर्न बोलेंगे। लेकिन इसमें कंडीशन यह है कि जो दूसरी कैंडल बनती है वह पहली कैंडल के क्लोजिंग से ऊपर बनना चाहिए।
और जो तीसरी कैंडल है वह भी दूसरी कैंडल के क्लोजिंग से ऊपर होना चाहिए, तो तीनों कैंडल्स की जो क्लोजिंग है वह एक दूसरे के ऊपर होनी चाहिए तभी इसे हम तीन श्वेत सैनिक कैंडलस्टिक पैटर्न कंसीडर करेंगे।
इसका नाम थ्री व्हाइट सोल्जर इसीलिए है क्योंकि एक ब्लैक एंड व्हाइट चार्ट होते हैं, जिसमें यह तीन ग्रीन कलर की कैंडल्स उस चार्ट में व्हाइट कलर की होती है। इसीलिए इसको थ्री व्हाइट सोल्जर कहा जाता है। [Candlestick Pattern in Hindi]
19. तीन काले कौवे कैंडलस्टिक पैटर्न (Three Black Crows Candlestick Pattern in Hindi)
तीन श्वेत सैनिक कैंडलस्टिक पैटर्न की बिल्कुल ही उल्टा है तीन काले कौवे कैंडलेस्टिक पेटर्न। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न एक बेयरिश पेटर्न है और बेयरिश कैंडलेस्टिक पेटर्न आम तौर पर अपट्रेंड में बनता है।
यह जो तीन काले कौवे कैंडलेस्टिक पेटर्न है इसमें तीनों ही कैंडल लंबी सी रेड कलर की बनती है। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें जो दूसरी कैंडल है वह पहले वाली कैंडल के क्लोजिंग से नीचे क्लोज होना चाहिए और जो तीसरी कैंडल है वह भी दूसरी कैंडल के क्लोजिंग से नीचे क्लोज होना चाहिए।
तो जब भी चार्ट में कुछ इस तरीके की कैंडलेस्टिक पेटर्न्स दिखाई दे तो इसे हम थ्री ब्लैक क्रॉस कैंडलेस्टिक पेटर्न बोलेंगे और इस पैटर्न के बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं। [Candlestick Pattern in Hindi]
निष्कर्ष
अगर आप एक ट्रेडर् या इन्वेस्टर है तो आपको कैंडलेस्टिक पेटर्न्स का समझ होना और उपयोग करना आना चाहिए। कैंडलेस्टिक पेटर्न बेसिकली ट्रेडर्स या इन्वेस्टर्स के इमोशंस और बिहेवियर को दिखाते हैं।
हर एक कैंडलेस्टिक पेटर्न ट्रेडर्स के कलेक्टिव एक्शंस और इमोशंस को दिखाते हैं चाहे टाइम फ्रेम कोई सी भी हो। कैंडलेस्टिक पेटर्न को स्टडी करके आप मार्केट के सेंटीमेंट को पता कर सकते हैं।
अगर आप कैंडलेस्टिक पेटर्न का उपयोग करते हैंतो आपका जो डिसीजन मेकिंग है वह बहुत ही ज्यादा अच्छी हो जाती है। इंपॉर्टेंट टिप यह है कि आपको हमेशा कैंडलेस्टिक पेटर्न के बनने के पीछे का साइकोलॉजी को समझना चाहिए, ताकि आप मार्केट प्राइस के मूवमेंट को अनुमान लगा सके।
मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल में हमारे द्वारा दिए गई जानकारी आपको पसंद आई होगी, तकनीकी विश्लेषण के बारे में उसके बारे में और जानने के लिए आप हमारे दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं। अगर आपको इस विषय के संबंधित कुछ और जानकारी चाहिए तो आप हमें नीचे कमेंट करके भी बता सकते हैं । [Candlestick Pattern in Hindi]
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कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों:
Q1. कैंडल पैटर्न को कैसे समझें?
कैंडलेस्टिक पेटर्न को समझने के लिए सिर्फ प्रैक्टिस की जरूरत है। कैंडलेस्टिक पेटर्न मार्केट की प्राइस मूवमेंट्स को दर्शाता है। इसीलिए इसको समझने के लिए बेसिक कैंडलेस्टिक पेटर्न, कैंडलेस्टिक का स्ट्रक्चर, कुछ आम रिवर्सल पेटर्न्स का समय सोना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। अगर आप रेगुलरली चार्ट को एनालाइज करते हैं, तो आपके लिए कैंडलेस्टिक पेटर्न को आईडेंटिफाई करना बहुत ही ज्यादा आसान हो जाएगा।
Q2. कुल कितने कैंडलस्टिक पैटर्न हैं?
कुल तीन (3) प्रकार के कैंडलेस्टिक पेटर्न्स होते हैं, जैसे की:
- सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न
- डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न
- मल्टीपल कैंडलेस्टिक पेटर्न
Q3. Candlesticks कितने प्रकार के होते हैं?
कैंडलेस्टि्क्स अक्सर दो (2) प्रकार के होते हैं:
- बुलिश / पॉजिटिव कैंडलेस्टि्क्स – जिसे बनने के बाद शेयर की प्राइस बढ़ने की चांसेस होते हैं।
- बेयरिश / नेगेटिव कैंडलेस्टि्क्स – जिसे बनने के बाद शेयर की प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं।
Q4. एक दिन में कितने कैंडलस्टिक्स होते हैं?
1 दिन में 1 ऑवर के चार्ट टाइम फ्रेम के हिसाब से कुल 7 कैंडलेस्टि्क्स बनते हैं। 30 मिनिट्स के चार्ट टाइम फ्रेम के हिसाब से टोटल 13 कैंडलेस्टि्क्स बनते हैं। और 15 मिनिट्स के चार्ट टाइम फ्रेम के हिसाब से टोटल 25 कैंडलेस्टि्क्स बनते हैं। और वही 5 मिनिट्स के चार्ट टाइम फ्रेम के हिसाब से कुल मिलाकर 75 कैंडलेस्टि्क्स बनते हैं।
Q5. शेयर मार्केट में सबसे पहले क्या सीखना चाहिए?
शेयर मार्केट में सबसे पहले आपको कुछ बेसिककॉन्सेप्ट्स और स्टेप्स को फॉलो करने पड़ेंगे जैसे कि टेक्निकल एनालिसिस कैंडलेस्टिक पेटर्न्स, चार्ट पेटर्न्स, ट्रेंड्स का पता होना चाहिए, मार्केट सेंटीमेंट और मार्केट बिहेवियर, अगर आपयह सब सीखने में ध्यान देते हैं तो आप एक अच्छे ट्रेडर् बन सकते हैं।
Q6. ट्रेडिंग के लिए कौन सा कैंडल चार्ट बेस्ट है?
बड़े-बड़े सक्सेसफुल ट्रेडर्स ट्रेडिंग के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट्स का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसके मदद से आप मार्केट की प्राइस की मूवमेंट को प्रिडिक्ट कर सकते हैं। हैमर, शूटिंग स्टार, एनगल्फिंग पेटर्न्स, मॉर्निंग स्टार, इवनिंग स्टार, पियर्सिंग लाइन और थ्री व्हाइट सोल्जर, यह है कुछ बेस्ट कैंडलेस्टिक चार्ट्स जिसको समझ के आप भी सक्सेसफुल ट्रेडर बन सकते हैं।
Excellent topic.Go ahead.
Very well presented. Every quote was awesome and thanks for sharing the content. Keep sharing and keep motivating others.
Thank you very much
Bohut badhiya tarike se explain kya gaya hai, padhke maja aa gaya 👍