Hammer Candlestick Pattern in Hindi: सीखे और उपयोग करें

Hammer Candlestick Pattern in Hindi

Hammer Candlestick Pattern in Hindi: हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न तकनीकी विश्लेषण का एक ऐसा कैंडलेस्टिक पेटर्न है जो की ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले पैटर्न है। बहुत बड़े-बड़े ट्रेडर्स मार्केट चार्ट्स में इस पैटर्न के बनने का इंतजार किया जाता है, क्योंकि यह एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न है और इस कैंडलेस्टिक पैटर्न के बनने के बाद बाजार मूल्य बढ़ने की संभावना होता है।

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को रिवर्सल पैटर्न माना जाता है, क्योंकि इस पैटर्न के बनने के बाद मार्केट में बहुत ही तेजी देखने को मिलता है। इसीलिए जो सक्सेसफुल ट्रेडर्स होते हैं वह इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का बहुत ही ज्यादा उपयोग करते हैं और अच्छे खासे प्रॉफिट भी बनाते हैं।

इस आर्टिकल में, हम हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में एक्सप्लोर करेंगे। हैमर कैंडलेस्टिक पैटर्न क्या होता है, इसका उपयोग कैसे करते हैं, इसका मनोविज्ञान क्या है और भी बहुत कुछ इस पैटर्न के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।

Table of Contents

हैमर कैंडलेस्टिक एक प्रकार का कैंडलेस्टिक पेटर्न है जो एक संभावित ट्रेंड रिवर्सल का संकेत देता है। यह छोटी हरि कैंडल है, जिसमें एक लंबी निकली छाया होती है। हैमर कैंडलेस्टिक तब बनता है जब एक स्टॉक की कीमत दिन के दौरान खुलने की कीमत से काफी कम हो जाती है। 

Hammer Candlestick Pattern in Hindi

लेकिन फिर अंत में खुलने की कीमत के करीब बंद हो जाती है। हैमर कैंडलेस्टिक एक मजबूत बुलिश संकेत देता है। यह बताता है कि खरीदारों ने बिक्री के दबाव को पीछे छोड़ दिया है और कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]

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हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न चार्ट में अक्सर देखने को मिलती रहती है, लेकिन इसे देखते हुए भी बहुत सारे ट्रेडर्स ट्रेड नहीं ले पाते हैं। इस कैंडलेस्टिक पेटर्न का कलर हरी भी हो सकता है और लाल भी हो सकता है। इस कैंडल में बॉडी बहुत छोटी होती है और वीक कॉफी बड़ी होती है, बॉडी के तुलना में 2 से 3 गुना बड़ी वीक होती है।

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जिस प्रकार हथोड़ा दिखाई देता है ठीक उसी प्रकार हैमर कैंडल भी दिखाई देती है। मार्केट में लंबी गिरावट के बाद यह कैंडल स्ट्रांग सपोर्ट लेवल पर बनती है। हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का पहचान करना बहुत ही आसान होता है, लेकिन इसको विस्तार से समझाना भी जरूरी है। नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कीजिए ताकि आप एक हैमर को आसानी से पहचान सकें: 

डाउनट्रेंड उपस्थिति

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न डाउन ट्रेंड में ही दिखना चाहिए तभी वह एक बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न कह लाएगा। अगर एक हमर कैंडल डाउन ट्रेंड में नहीं बनता है तो वह कैंडलेस्टिक ज्यादा महत्व नहीं रखता है। 

छोटा बॉडी 

हैमर कैंडलेस्टिक का बॉडी बहुत ही छोटा होता है, इस कैंडल की निकली छाया के तुलना में इसकी बॉडी बहुत ही छोटा होता है और यह कैंडल के ऊपरी भाग में बनता हुआ दिखाई देता है। हमर कैंडल की बॉडी ओपन ओर क्लोज के बीच का संकीर्ण प्राइस रेंज का संकेत देता है।

लोअर शैडो (Lower Wick)

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का लोअर शैडो (Lower Wick) कैंडल की बॉडी की तुलना में दो गुना होना चाहिए। लोअर शैडो कैंडल की बॉडी के नीचे बनता हुआ दिखाई देता है और यह संकेत देता है की सेलर्स शुरू में नियंत्रण में थे लेकिन प्राइसेस को कम रखने में विफल रहे। 

अपर शैडो (Upper Wick)

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न के जो ऊपरी भाग में एक छोटा सा विक होता है उसी को ही अपर शैडो बोला जाता है। हमर कैंडल में ऊपरी छाया बहुत ही छोटा या तो ना के बराबर होता है। अपर शैडो हमें यह सुझाव देता है कि खरीदार सत्र के अंत तक नियंत्रित बने रहेगा। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]


नीचे दिए गए चित्र में उदाहरण के साथ हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को समझे:

उदाहरण 1:

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उदाहरण 2:

Hammer Candlestick Pattern in Hindi

जब भी कोई चार्ट की प्राइस डाउन ट्रेंड में होता है और उसके बाद एक हथोड़ा जैसा हैमर कैंडल बनता है तो यह माना जाता है कि वह शेयर की प्राइस बढ़ने की चांसेस होते हैं। और ऐसा इसलिए माना जाता है कि यह जो हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न है यह शो करती है की जो बायर्स है वह ज्यादा डोमिनेंस हो चुके हैं। 

यानी शेयर के ऊपर बाइंग प्रेशर है, तो जब ज्यादा बायर्स होंगे तो शेयर मार्केट की प्राइस बढ़ सकती है लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता है। इसलिए जब आप हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न्स का उपयोग करते हैं, तो उसके साथ आपको सपोर्ट तथा रेजिस्टेंस और चार्ट पेटर्न्स को भी साथ में देखना चाहिए।

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डाउन ट्रेंड में ग्रीन और रेड दोनों कलर का हैमर कैंडल बन सकता है। यदि डाउन ट्रेंड में हरा रंग का मोमबत्ती बनता है तो तब वह ज्यादा वैलिड सिग्नल देता है। और हैमर कैंडल बनने के बाद अगली कैंडल हैमर के ऊपर ग्रीन कैंडल बनना चाहिए, तभी आपको पता चलेगा कि हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न फुलफिल हो रहा है।

हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग करने से ट्रेडर्स को डाउनट्रेंड में संभावित रिवर्सल का देखने और अनुकूल कीमतों पर लंबी स्थिति में प्रवेश करने में मदद मिल सकती है। बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके टेक्निकल एनालिसिस मैं हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न स्ट्रेटजी का उपयोग कर सकते हैं और अपना ट्रेडिंग स्किल बेहतर कर सकते हैं। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]

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जब कोई ट्रेडर डाउनट्रेंड मार्केट में बुलिश रिवर्सल्स के लिए देखते हैं तब यह हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न तकनीकी विश्लेषण में महत्वपूर्ण महत्व रखता है। तो इस कैंडलेस्टिक पेटर्न के महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं:

रिवर्सल सिगनल्स

हैमर पैटर्न का महत्व निरंतर डाउनट्रेंड के बाद ट्रेंड रिवर्सल का संकेत देने की इसकी क्षमता है। यह पैटर्न यह दर्शाता है कि सेलर्स का दबाव काम हो रहा है और बायर्स आगे आ रहे हैं।।

क्लियर एंट्री प्वाइंट्स 

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न ट्रेडर्स को एक क्लियर एंट्री सिग्नल यानी की बाई करने के लिए प्रदान करता है। जब भी कोई हैमर कैंडल बनता है और उसके बाद एक बुलिश कैंडल बनता है या नकी कन्फर्मेशन कैंडल, तब आप बुलिश रिवर्सल के लिए आसानी से अपना एंट्री पॉइंट ढूंढ सकते हैं।

मार्केट सेंटीमेंट

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न मार्केट की सेंटीमेंट और बायर्स और सेलर्स के बीच में बैलेंस बनाए रखते हैं। यह पैटर्न बेयरिश ट्रेंड से बुलिश ट्रेंड की बदलाव को दर्शाता है, यानी सेलर्स की जगह बायर्स ने मार्केट पर नियंत्रण करना शुरू कर दिया है।।

रिस्क मैनेजमेंट 

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का सबसे बड़ा बेनिफिट यह है कि आप इसमें प्रभावी रूप से रिस्क मैनेजमेंट फॉलो कर सकते हैं, मतलब की अच्छी तरह से स्टॉप लॉस ऑर्डर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रेडर्स हैमर के लोअर शैडो के को पर अपना स्टॉप-लॉस आर्डर प्लेस कर देते हैं, ऐसा करने से आप अपने रिस्क को अच्छी तरह से मैनेज कर सकोगे। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]


हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न के गठन का मनोविज्ञान: हैमर कैंडल फार्म होने के प्रारंभ में जब मार्केट एक लेवल पर ओपन होता है, लेकिन सेलर्स स्ट्रांग होने की वजह से सेलर्स मार्केट को पुश करके सेशन के लो (low) तक तक लेकर जाते हैं। लेकिन लो (low) पर स्ट्रांग बाइंग प्रेशर होने के वजह से बायर्स मार्केट को पुश करके उसके ओपनिंग के पास लाकर क्लोज करती है।

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जिससे एक हैमर कैंडलेस्टिक बनती है, इस पैटर्न में एक स्मॉल रियल बॉडी होती है और एक लॉन्ग लोअर शैडो होता है जो की बॉडी के एट लिस्ट दो गुना होता है, जो इंडिकेट करता है कि यहां पर हाय बाइंग प्रेशर है और बायर्स प्राइस को कैंडल के लोगों पर एक्सेप्ट नहीं किया है। 

इस पैटर्न में एक छोटा सा अपार वीक (upper wick) भी हो सकता है। जब भी यह पैटर्न डाउन ट्रेंड के अंत में फॉर्म होता है तो इससे एक बुलिश रिवर्सल सिग्नल मानी जाती है और वहां से ट्रेंड रिवर्सल का चांसेस बहुत ज्यादा होती है। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]


तकनीकी विश्लेषण में हैमर और दोजी कैंडलेस्टिक पेटर्न्स दोनों का ही उपयोग किया जाता है। लेकिन इन दोनों का भी मुख्य अंतर होते हैं:

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हैमर कैंडलेस्टिक की बॉडी छोटी होती है, लेकिन इसकी लोअर शैडो इसकी बॉडी की तुलना मेंदो गुना लॉन्ग होता है। जबकि दोजी की बहुत ही छोटी बॉडी होती है ऑलमोस्ट ना के बराबर और इसकी ओपनिंग और क्लोजिंग प्राइस लगभग समान होता है। 

हैमर कैंडलेस्टिक डाउन ट्रेंड के बाद एक स्ट्रांग बुलिश रिवर्सल का संकेत देती है। जबकि दोजी कैंडलेस्टिक। जबकि दोजी कैंडलेस्टिक यह मार्केट के अनिर्णय को दर्शाता है और उलटफेर या निरंतरता का संकेत दे सकता है।

एक हैमर पैटर्न अधिक निर्णायक रूप से बुलिश का संकेत देता है, जबकि एक डोजी पैटर्न को आसपास के कैंडलस्टिक्स के अधिक विश्लेषण की आवश्यकता होती है। 

हैमर दो प्रकार के होते हैं एक होता है बुलिश हैमर और दूसरा होता है इनवर्टेड हैमर। और दूसरी तरफ देखा जाए तो दोजी तीन प्रकार के होते हैं जैसे की स्टैंडर्ड दोजी, ग्रेवस्टोन दोजी और ड्रैगनफ्लाई दोजी। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]


हैमर और शूटिंग स्टार दोनों को ही सिंगल कैंडलेस्टिक पेटर्न (Single Candlestick Pattern) कहा जाता है। ट्रेडर्स दोनों कैंडलेस्टि्क्स का प्रयोग बहुत ज्यादा करते हैं। लेकिन इन दोनों के सिग्नल और स्थितियां ट्रेंड्स के मुताबिक अलग होते हैं।

हैमर कैंडलेस्टिक डाउन ट्रेंड के बाद बनता है और बुलिश रिवर्सल का निर्देश देता है। जबकि शूटिंग स्टार अपेट्रेंड में बनता है और बेयरिश सिग्नल का निर्देश देता है।

हैमर का लंबा निचली छाया होता है और यह बाइंग प्रेशर इंडिकेट करता है। वहीं दूसरी ओर शूटिंग स्टार का लंबा ऊपरी छाया होता है और यह सेलिंग प्रेशर इंडिकेट करता है।


जी हां, हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न को जनरली बुलिश पैटर्न कहा जाता है। हैमर पैटर्न में एक छोटा रियल बॉडी होता है और एक लंबी निचली छाया होता है। निचली छाया बॉडी से कम से कम 2 गुना बड़ी होती है। इस पैटर्न की क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग प्राइस के ऊपर या नीचे भी हो सकता है। 

इसका मतलब रियल बॉडी ग्रीन कलर का भी हो सकता है और रेड कलर का भी हो सकता है। हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न आम तौर पर प्राइस डिक्लाइन होने के बाद बनता है। मांग क्षेत्र के पास हैमर पैटर्न कम कीमतों की अस्वीकृति को दर्शाता है कि बुल्स ने कीमतों को और नीचे गिरने से रोकने का प्रयास किया है।

लंबी छाया मंदड़ियों पर तेजी के प्रभुत्व का संकेत देती है, यह संभावित कीमत में उलटफेर का संकेत दे सकता है। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]


अगर कोई ट्रेडर हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न में ट्रेड लेना चाहता है तो उसे एंट्री और एग्जिट स्ट्रैटेजिस (Entry & Exit Strategies) का पता होना जरूरी है। 

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  • कन्फर्मेशन कैंडलेस्टिक: वैसे तो हैमर कैंडलेस्टिक एक स्ट्रांग सिग्नल माना जाता है, लेकिन यह सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट है कि आप कोई भी ट्रेड में घुसने से पहले कन्फर्मेशन का वेट जरूर करें। आम तौर पर जब एक बुलिश कैंडलेस्टिक हैमर कैंडलेस्टिक की क्लोजिंग प्राइस के ऊपर बंटा हुआ दिखे तभी आपको कन्फर्मेशन कैंडलेस्टिक का संकेत मिलेगा क्योंकि वहां से बाइंग प्रेशर कंटिन्यू करेगा।
  • बाय ऑर्डर प्लेस करें: कन्फर्मेशन मिलने के बाद आप बाय ऑर्डर प्लेस कर सकते हैं। प्रोफेशनल ट्रेडर्स रूढ़िवादी व्यापारी तब तक इंतजार कर सकते हैं जब तक कि कीमत हथौड़े या पुष्टिकरण मोमबत्ती की ऊंचाई से थोड़ा ऊपर न चली जाए। आसान भाषा में बोले तो जब एक बुलिश कंफर्मेशन कैंडल दिखाई देता है ट्रेडर्स ट्रेड में एंट्री कर सकते हैं और उनका एंट्री पॉइंट कन्फर्मेशन कैंडलेस्टिक के हाय (high) के ऊपर होना चाहिए।
  • स्ट्रांग सपोर्ट लेबल्स की पहचान करें: जब कोई हैमर कैंडलेस्टिक स्ट्रांग सपोर्ट जोन में बनता हुआ दिखे जैसे की प्रीवियस प्राइस के लो पर या फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट लेवल पर या तो ट्रेंड लाइन पर, जो की उच्च विश्वसनीयता प्रदान करता है। ऐसे में अगर आप ट्रेड में इंटर करते हैं तो आपको अच्छा रिजल्ट्स देखने को मिलता है क्योंकि इससे इस बात की संभावना और भी बढ़ जाती है कि ट्रेंड रिवर्स होगा। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]
  • टारगेट प्राइस सेट करें: अगर आप हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न बनने के बाद ट्रेड में एंट्री लेते हैं तो आप अपना टारगेट प्राइस 1:2 के अनुपात के हिसाब से भी रख सकते हैं। या तो जब कोई हमर कैंडल स्ट्रांग सपोर्ट जोन में बनता है तो आप अपना टारगेट प्राइस स्ट्रांग रेजिस्टेंस जोन पर सेट कर सकते हैं।
  • ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस: जब मार्केट की प्राइस आपके फबेर में जाता है तब आप ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस आर्डर का उपयोग कर सकते हैं, ताकि आप मैक्सिमम प्रॉफिट अपना बना सके। एक बार जब प्राइस आपके पक्ष में एक निश्चित प्रतिशत बढ़ जाए तो स्टॉप-लॉस को ब्रेक ईवन पर ले जाएं और समायोजित करें क्योंकि ट्रेड की दिशा ऊपर की ओर जारी रहता है।
  • रिवर्सल सिग्नल पर एग्जिट करना: जब रेजिस्टेंस लेवल पर कोई बेयरिश रिवर्सल संकेत दिखाई दे जैसे की हैंगिंग मां, बेयरिश इंगुलफिंग पैटर्न, शूटिंग स्टार तब आपको ट्रेड सेएग्जिट लेना चाहिए। क्योंकि ऐसा पैटर्न हमें यह सुझाव देता है कि बाजार की कीमत अब सेलर्स के कंट्रोल मैं होगा।
  • हैमर कैंडलेस्टिक में स्टॉप-लॉस ऑर्डर हैमर के लो पर सेट करें। क्योंकि जब चार्ट के डाउन ट्रेंड में हैमर कैंडलेस्टिक बनता है तो यह माना जाता है कि मार्केट की कीमत बढ़ेगा। इसीलिए आप अपना स्टॉप-लॉस ऑर्डर हैमर के निचली छाया के लो पर सेट कर सकते हैं। [Hammer Candlestick Pattern in Hindi]

प्रोफेशनल ट्रेडर्स के लिए हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न बहुत ही ज्यादा पॉवरफुल टूल है। क्योंकि यह पैटर्न डाउन ट्रेंड के बाद बुलिश रिवर्सल्स का संकेत देता है ट्रेडर्स इस ए उपयोग करके अपना प्रॉफिट बुक करते हैं। बिगनर्स भी हैमर कैंडलेस्टिक को आसानी सेसमझ सकते हैं इसके लिए आपको पैटर्न के पीछे का मनोविज्ञान और यह कैसे फॉर्म होता है उसको समझना जरूरी है। 

अगर आप एक बेगिनेर है तो अच्छी रणनीति के साथ हैमर कैंडलेस्टिक को उपयोग कर सकते हैं ताकि आप अधिक जानकारीपूर्ण और लाभदायक निर्णय लेने सके। चाहे आप कोई भी ट्रेडर हो जैसे कि ऑप्शन ट्रेडर, इंट्राडे ट्रेडर, स्विंग ट्रेडर या तो लॉन्ग-टर्म निवेदक, हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न में महारत हासिल करने से टेक्निकल एनालिसिस स्किल्स को एनहांस कर सकते हैंचा।

आशा करते हैं कि हमारे द्वारा बताए गए इनफॉरमेशन आपको अच्छी लगी है, तकनीकी विश्लेषण के बारे में अधिक जानने के लिए आप हमारे दूसरे आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं। और इस विषय के बारे में आपको और जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट करके भी बता सकते हैं।

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शेयर बाजार में हथौड़ा का मतलब है हैमर, जो की तकनीकी विश्लेषण मैं उपयोग किए जाने वाले एक कैंडलेस्टिक पेटर्न है। अधिकतर ट्रेडर्स अपने ट्रेडिंग रणनीति में इस कैंडलेस्टिक का उपयोग करते हैं क्योंकि उन्हें एक स्ट्रांग बुलिश संकेत मिलता है। 

जब मार्केट की कीमत गिरावट की ओर जाता है तो एक मजदूर में जाकर सेलर्स मार्केट को पूरी तरह से कोशिश करते हैं, मगर तब बायर्स पूरी ताकत लगाकर कैंडल को हाई प्राइस के आसपास क्लोज कर देते हैं। इस कैंडल को दिखाने में बिल्कुल हथौड़ा जैसा दिखाई देता है, इसीलिए इसको हमर कैंडल कहा जाता है।

रिसर्च के मुताबिक हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न का सफलता दर 10 बार में से 6-8 यानी की 60-80% जो की बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है।

एक हैमर कैंडल बाजार की धारणा में मंदी से तेजी (bearish to bullish) की ओर बदलाव को प्रतिबिंबित करने की काम करती है। यदि बाद की प्राइस कार्रवाई से इसकी पुष्टि हो जाती है तो अक्सर कीमत में रिवर्सल हो जाता है।

हैमर कैंडलेस्टिक पेटर्न दो प्रकार के होते हैंएक है बुलिश हैमर और दूसरा है इनवर्टेड हैमर। दोनों कैंडलेस्टिक की साइज और शॉप एक जैसे ही होती है, फर्क सिर्फ इतना है कि एक हैमर को उल्टा करके रखने से जैसा दिखाई देता है वैसे ही इनवर्टेड हैमर होता है।

बुलिश हैमर तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किए जाने वाला एक कैंडलेस्टिक पेटर्न है। यह कैंडलेस्टिक पेटर्न हमें यह संकेत देता है कि बाजार की कीमत आप डाउन ट्रेंड से अपट्रेंड की और जाएगा।

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