दीर्घकालिक निवेश क्या होता है? | Long-Term Investment in Hindi

Long-Term Investment in Hindi

Long-Term Investment in Hindi: लंबी अवधि का निवेश के पीछे का मकसद आपको पता ही होगा कि अपनी संपत्ति बनाना, दैनिक खर्च और आपातकालीन निधि मैं इस्तेमाल करना। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके पास पैसे तो है लेकिन सही समय पर आप उन्हें इस्तेमाल न कर सको तो इसका क्या फायदा।

इस आर्टिकल के जरिए आपको बताए जाएंगे की क्यों और कैसे फाइनेंशियल ज़रूरतें के हिसाब से आपको दीर्घकालिक निवेश को चुनना चाहिए और आपको किसी भी प्रकार दीर्घ अवधि निवेश करने से पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए। 

इसीलिए आज के इस लेख में हम चर्चा करेंगे की दीर्घकालिक निवेश क्या होता है? दीर्घकालिक निवेश के फायदे, रणनीतियाँ और कैसे पता चलेगा कि कोई स्टॉक दीर्घकालिक के लिए अच्छा है या नहीं, ताकि आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को बेहतर तरीके से प्राप्त कर सके। 

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लंबी अवधि का निवेश में निवेशक अच्छी कंपनियों की शेयर ढूंढते हैं और जैसे ही उन्हें कोई ऐसी कंपनी मिलती है जो भविष्य में अच्छा खासा प्रॉफिट जनरेट करेगी और अच्छा प्रदर्शन करेंगी वह उस कंपनी के ऊपर मौलिक अनुसंधान (fundamental research) करते हैं।

इससे निवेशक यह पता लगते हैं कि यह कंपनीनिवेश करने लायक है या नहीं? क्या इस कंपनी में हम निवेश करेंगे तो बढ़ेंगे या नहीं बढ़ेंगे? अगर उन्हें इन सवालों के जवाब मिल जाते हैं, तो वह उसे कंपनी में अपना निवेश का योजना बनाना शुरू कर देता है।

Long-Term Investment in Hindi

ऐसे financial assets जैसे स्टॉक, शेयर या प्रतिभूतियां आदि जिन्हें निवेशक एक या दो साल से ज्यादा तक होल्ड करके रखते हैं, उसी को ही दीर्घकालिक निवेश कहा जाता है। लंबी अवधि के निवेश में आपको किसी भी तरह की तत्काल या अल्पकालिक लाभ देखने को नहीं मिलेंगे।

दीर्घ अवधि निवेश के जरिए आप अपने असेट्स को बेचने के वजहउन्हें भविष्य में जरूरत के लिए बचाए रखते हैं। इसके अलावा आपके पास dividends और interest के फॉर्म में भी एक सोर्स आफ इनकम जनरेट होती है, जिसे आप मीडियम टर्म में अपने दैनिक खर्च को प्रबंध कर सकते हैं।

रियल एस्टेट, बॉन्ड, स्टॉक, म्युचुअल फंड्स के साथ-सा PPF, NPS, FDs और गोल्ड गोल्ड भी अवधि का निवेश विकल्प है। बाज़ार के उतार-चढ़ाव के अनुसार यह इन्वेस्टमेंट जोखिम भरा और लाभदायक दोनों हो सकते हैं। [Long-Term Investment in Hindi]


  • समय सीमा (Time Period)

लंबी अवधि के निवेश में बढ़ने के लिए पर्याप्त समय अवधि होती है और निवेशकों को मार्केट ट्रेंड्स और लंबी अवधि में किसी विशेष निवेश उत्पाद की विशेषताओं को समझने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है।

  • अच्छा रिटर्न (Good Returns)

कई निवेशक वित्तीय भविष्य की योजना बनाने के लिए दीर्घकालिक निवेश रिटर्न पर निर्भर रहते हैं। क्योंकि लंबी अवधि में निवेश करने से सार्थक सृजन की संभावना होती है और इसकी सरलता निवेश को कुछ लोगों के लिए निष्क्रिय आय के रूप में काम करने की अनुमति देती है।

  • कम समय लेने वाला (Less Time Consuming)

लंबी अवधि के निवेश के साथ निवेशकों को दैनिक आधार पर छोटे उतार-चढ़ाव के लिए बाजार के ऑडिटर की आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार उन्हें अन्य दैनिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलती है, जिन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

  • विविध पोर्टफ़ोलियो (Diversified Portfolio) 

विविधीकरण एक निवेशक के पोर्टफोलियो को लंबी अवधि के निवेश में अच्छी तरह से बढ़ने की अनुमति देता है जो निवेशकों को राहत प्रदान करता है और निर्मित तरलता में संतुलन बनाए रखता है।

  • निपटान का समय (Disposal Time)

दीर्घकालिक निवेश निवेशकों को किसी विशेष स्टॉक की विशेषताओं का अध्ययन करने या ऐसे स्टॉक में निवेश करने की अनुमति देता है जो अल्पावधि में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकता है लेकिन लंबी अवधि में अच्छी ऊंचाई प्रदान कर सकता है। 

  • संयोजन की शक्ति (Power of Compounding)

लंबी अवधि के निवेश में संयोजन की शक्ति अविश्वसनीय रूप से काम करती है, अगर आप जल्दी निवेश करें और देखें कि पैसा कई गुना बढ़ जाता है, विशेष रूप से लंबी अवधि के निवेश के मामले में आपका पैसा लाखों से कब करोड़ों में बदल जाएगा आपको पता ही नहीं चलेगा, इसीलिए कहते हैं कि कंपाउंडिंग इंटरेस्ट दुनिया का आठवां अजूबा है।

  • जोखिम (Risk) 

दीर्घकालिक निवेश विकल्प के मामले में जोखिम काफी हद तक कवर होता है, जबकि समय की खराब अवधि में कठोर उतार-चढ़ाव के कारण अल्पकालिक निवेश के मामले में जोखिम की संभावना अधिक होती है। [Long-Term Investment in Hindi]


लंबी अवधि की दौड़ में स्टॉक मार्केट सबसे बढ़िया प्रदर्शन करता है बाकी सभी एसेट से और जो व्यक्ति इस कांसेप्ट को समझ जाएगा, वह बाकी सभी लोगों से जल्दी अच्छा रिटर्न भी बनाएगा। इसीलिए सबसे सर्वोत्तम 4 रणनीतियाँ के बारे में चर्चा करेंगे जो कि हर एक लांग टर्म इन्वेस्टर को जानना जरूरी है:

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हर एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर को उच्च गुणवत्ता वाले स्टॉक रणनीति पर ध्यान देना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि इस स्ट्रेटजी का पालन करने से इन्वेस्टर्स का जोखिम कम होता है और साथ-साथ स्थिर गति से लाभ होने का संभावना होते हैं।

उच्च गुणवत्ता वाली कंपनियों के पास लाभदायक का एक गुण वाली ट्रैक रिकॉर्ड होता है, जिससे अगर कंपनी आर्थिक मंदी का शिकार हो उससे सामना करने और अधिक मजबूत होकर उभरने की क्षमता रखते हैं।

जब आपने निर्णय ले लिया है कि आपको दीर्घकालिक निवेश करना है तो तब आपको कंपनी की फंडामेंटल्स पर ध्यान देना है। सिर्फ शेयर प्राइस के आधार पर आपको अपना निवेश संबंधी निर्णय नहीं लेना है। 

मौलिक रूप से मजबूत कंपनियां जो होती है जब स्टॉक मार्केट नीचे भी चल रहा है तब भी यह अच्छा प्रदर्शन करता है, लेकिन दूसरी और इस टाइम में खराब कंपनियां डूब जाती है। मौलिक रूप से मजबूत कंपनियां के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज रहता है जिससे वह कंपनी अपने कंपटीशन से अच्छा प्रदर्शन करता हुआ दिखाई देता है। [Long-Term Investment in Hindi]

डिविडेंड्स यानी जब कंपनी अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है जो सीधे आपके बैंक खाता में आता है उसे डिविडेंड कहा जाता है। आपका विकास का संभावना बढ़ जाती है जब आप डिविडेंड्स को री इन्वेस्ट करते हो।

कई सारे डेटा यह बताते हैं कि जो भी कंपनियां इनकम को री इनवेस्ट करती है अपने व्यापार को और बढ़ाने के लिए उनका शेयर प्राइस लंबी अवधि के लिए काफी ज्यादा बढ़ता है। 

एक निवेशक के रूप में हमें भी उच्च लाभांश वाले स्टॉक को नहीं सुनना है, बल्कि लंबी अवधि में एक स्टॉक कितना आगे बढ़ सकता है उस पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। अगर आपको डिविडेंड्स मिल रहा है तो उसे आपको खर्च करने के वजह रिइन्वेस्ट करना चाहिए और शेयर्स खरीदने में।

आपको हमेशा अंडरवैल्यूड स्टॉक्स को ढूंढना चाहिए यानी वह स्टॉक जिस पर बहुत लोगों ने अभी भी इन्वेस्ट नहीं किया है। लेकिन उस कंपनी की भविष्य और विकास का संभावना बहुत ज्यादा है और वह कंपनी मौलिक रूप से भी मजबूत है।

ओवरवैल्यूड स्टॉक लॉन्ग टर्म में रिटर्न अच्छा नहीं देती है, आपको हमेशा वैल्यू इन्वेस्टिंग में ध्यान देना है। जिसके लिए आपको लॉन्ग टर्म ट्रेंड्स देखना पड़ेगा अलग-अलग सेक्टर का जैसे कि रिन्यूएबल एनर्जी या टेक्नोलॉजी सेक्टर लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा हो सकता है कमोडिटी स्टॉक के तुलना में। [Long-Term Investment in Hindi]


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जब आप स्टॉक मार्केट में प्रवेश करते हो तो आपको यह तीन टिप्स का पालन करना अत्यंत आवश्यक है:

टिप 1: दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य (Long-Term Perspective)

आपके अंदर जो इमोशंस होते हैं वह बार-बार खरीदने और बेचने की यानी शॉर्ट टर्म मूवमेंट का फायदा उठाने के लिए वह आपको छोड़ना पड़ेगा। लोगों के टिप पर आपको निवेश बिल्कुल भी नहीं करना है। अपनी मानसिकता को इस तरह से विकसित करें की व्यापार को सिर्फ दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य से सोच।

टिप 2: नियमित निवेश (Regular Investing)

आपको जितना हो सके उतना नियमित निवेश करना चाहिए और जो डॉलर लागत औसत निवेश पद्धति है इसे उपयोग करना है। जब आप नियमित रूप से निवेश करते हैं तो आपको डॉलर कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है और इसी पद्धति के कारण बाज़ार में अस्थिरता काम होता है आपके पोर्टफोलियो पर।

टिप 3: अपनी जोखिम सहनशीलता को जानें (Know Your Risk Tolerance)

आपको हमेशा अपनी जोखिम सहनशीलता के बारे में पता होना चाहिए। यानी आप कितना कैपिटल हानि के लिए तैयार है, इसके ही अनुसार अपना निवेश योजना बनाने की कोशिश करिए। [Long-Term Investment in Hindi]


एक स्टॉक लॉन्ग टर्म में अच्छा है कि नहीं यह पता लगाने के लिए आपको उस स्टॉक की फंडामेंटल्स को पता लगाना होगा। फंडामेंटल्स जैसे की उस कंपनी का सुसंगत आय विकास, लाभ – सीमा क्या है, कर्ज़ का स्तर कितना है आदि के बारे में जानने की कोशिश करें।

इसके अलावा देखें की कंपनी की प्रतिस्पर्धी स्थिति क्या है और यह भी देखें की लॉन्ग टर्म में लगातार और बढ़ता हुआ लाभांश देता है कि नहीं। आप उस कंपनी के मैनेजमेंट का ट्रैक रिकॉर्ड देख सकते हैं कि उनका परफॉर्मेंस अच्छा है कि नहीं।

सबसे ज्यादा ध्यान में रखने वाली बात यह है कि अगर कोई स्टॉक लॉन्ग टर्म रन के लिए अच्छा है कि नहीं पता लगाने के लिए उस कंपनी की विकास की संभावना है कि नहीं देखना होगा। अगर कोई कंपनी नए प्रॉडक्ट्स या टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं तो यह एक अच्छा संकेत माना जाता है कि यह कंपनी लॉन्ग टर्म के लिए अच्छा है। [Long-Term Investment in Hindi]


अक्सर देखा गया है कि अल्पावधि निवेश ज्यादा जोखिम भरा होता है, लेकिन दीर्घकालिक निवेश में ज्यादा अच्छा होता है आपकी संपत्ति को बढ़ाने के लिए। पेशेवर निवेशक कहते हैं कि आपको मौलिक रूप से मजबूत कंपनियों में लंबे समय तक निवेश करें अगर आपको बहुत बढ़िया रिटर्न चाहिए तो।

साथ ही साथ अपने पोर्टफोलियो को विविध रखिए यानी सिर्फ एक सेक्टर में निवेश करने के वजह मल्टीपल सेक्टर में निवेश कीजिए अरे स्टॉक्स के साथ-साथ आपको इंडेक्स फंड्स या ETFs मैं भी निवेश कीजिए, यह मदद करता है जोखिम को कम करने में।

दीर्घकालिक निवेश में गुप्त टिप यही है कि शॉर्टकट या तुरंत लाभ में ना फासे। उम्मीद करते हैं कि मेरे द्वारा बताए गए जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, अगर आपको निवेश के बारे में किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो आप हमें नीचे कमेंट करके भी बता सकते है। [Long-Term Investment in Hindi]

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शेयर मार्केट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का मतलब होता है किसी स्टॉक, इंडेक्स या अन्य सिक्योरिटीज को खरीद के कुछ साल या दशक तक होल्ड करने को दर्शाता है। इन्वेस्टर्स का लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में लक्ष्य होता है कि कंपनियां की विकास का संभावना के चलते लाभ प्राप्त करना।

आमतौर पर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट 1 या 2 साल से अधिक का होता है, लेकिन बहुत सारे ऐसे भी इन्वेस्टर होते हैं जो 5 से 10 साल तक का भी इन्वेस्टमेंट गोल रखते हैं। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कितने साल का होना चाहिए यह मूल रूप से निर्भर करता है एक इन्वेस्टर पर की उस व्यक्ति का वित्तीय लक्ष्य क्या है।

आमतौर पर लोग लंबी अवधि का निवेश संपत्ति बनाने के लिए या जरूरत पर खर्च करने के लिए करते हैं। लंबी अवधि के निवेश के लिए निवेदक को रणनीतियों का ज्ञान रखना जरूरी है, क्योंकि लंबी अवधि के निवेश में डायवर्सिफिकेशन पोर्टफोलियो और जोखिम को प्रबंध करना आना चाहिए। इसीलिए माना जाता है की लंबी अवधि के लिए निवेश करना अच्छा है।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट 12 महीने से लेकर 30 साल तक का हो सकता है। लेकिन अधिकांश निवेशकों का लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए होल्डिंग अवधि 5 से लेकर 10 साल तक का होता है।

भारत में सबसे बढ़िया इन्वेस्टमेंट माने जाने वाले विकल्प है:

  • म्युचुअल फंड्स
  • इंडेक्स फंड्स
  • एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs)
  • स्मॉल कैप स्टॉक्स 
  • बॉन्ड
  • डिविडेंड पेइंग स्टॉक्स

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