टेक्निकल एनालिसिस क्या है? | Technical Analysis in Hindi

Technical Analysis in Hindi

Technical Analysis in Hindi: रिपोर्ट के हिसाब से वह लोग जो ट्रेडिंग करते हैं उनमें से 100 में से 90 लोग नुकसान करते हैं और जो लोग नुकसान करते हैं उनका मुख्य कारण होता है कि उनको पता ही नहीं होता है कि वह ट्रेडिंग शुरू कैसे करें और उसमें से क्या-क्या सीखना होता है।

जो लोग ट्रेडिंग में बिल्कुल नए हैं उनके लिए महत्वपूर्ण तत्व है टेक्निकल एनालिसिस। अगर आप ट्रेडिंग में सफल बनना चाहते हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस सीखना ही होगा। शेयर बाजार के इतिहास में ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स अगर किसी चीज को सबसे ज्यादा पसंद किया है तो वह है टेक्निकल एनालिसिस।

यह एक ऐसा तरीका है जिसके जरिए ट्रेडर्स को शेयर बाजार से लाभ कमाना सबसे आसान लगता है। इन सब के बाद भी सबसे कम ट्रेडर्स है जिसको टेक्निकल एनालिसिस के बारे में अच्छी खासी जानकारी है। इसीलिए आज की इस लेख में हम जानेंगे कि टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है, इसके प्रकार, यह कैसे काम करता है, इसे कैसे सीखे और इसके फायदे और नुकसान इत्यादि।

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आज के समय में टेक्निकल एनालिसिस सबसे ज्यादा सटीक, विश्वसनीय और लोकप्रिय चार्ट विश्लेषण प्रणाली है। पिछले कुछ सालों में टेक्निकल एनालिसिस की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही है। तकनीकी विश्लेषण के अनुसार बाजार का भूतकाल का प्रदर्शन वर्तमान और भविष्य के प्रदर्शन के लिए मजबूत निर्देश देता है।

यह बाजार में घटने वाली घटनाओं के आधार पर या शेयर्स के भूतकाल का भाव और वॉल्यूम का विश्लेषण करके भविष्य में आने वाले शेयर का मूल्य तय करने की एक प्रक्रिया है। तकनीकी विश्लेषण वह प्रक्रिया है जिसकी मदद से किसी शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव की इतिहास को देखते हुए हम उस शेयर की प्राइस को फ्यूचर मूवमेंट की भविष्यवाणी करने की कोशिश करते हैं।

जब हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो हम किसी कंपनी के शेयर्स को बस प्राइस देख कर खरीदते हैं और लघु अवधि में शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव से जल्दी से हम लाभ कमाना चाहते हैं और लघु अवधि में किसी भी शेयर की प्राइस बहुत तेजी से परिवर्तन होती है। 

ऐसे में हमें कैसे विचार होगा कि हमें किस प्राइस पर किस तरीके से ट्रेडिंग करनी है ताकि हमें लाभ हो सके। इसीलिए इस संकट को हल करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस को विकसित किया गया था।

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यहां टेक्निकल एनालिसिस के विभिन्न प्रकार के चार्ट का उपयोग करके किसी भी स्टॉक की मूवमेंट के बारे में भविष्यवाणी किए जाते हैं, इसीलिए इसकी प्रकार को जानना आवश्यक है:

लाइन चार्ट सबसे आसान प्रकार के चार्ट होता है। लाइन चार्ट में हर दिन का बंद कीमत दिखाया जाता है, मतलब कि सिर्फ बंद कीमत लेकिन दिन के दरमियान का उच्च कीमत और कम कीमत को नहीं दिखाया जाता है। इसीलिए ट्रेडर्स की विश्वसनीयता लाइन चार्ट पर बहुत कम होती है।

टेक्निकल एनालिसिस में बार चार्ट बहुत ही प्रसिद्ध है। इसे आप चित्र में देख सकते हैं कि इस खड़ी लाइन का सबसे ऊपरी पॉइंट दिन का सबसे ऊंचा कीमत दिखता है और सबसे निचला बिंदु दिन का कम कीमत दिखता है। 

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इस लाइन के बाई तरफ जो लाइन है वह शुरुआती कीमत को दिखाती है और जो दाहिनी ओर लाइन है वह बंद कीमत को दिखाती है। लाइन चार्ट की तुलना में बार चार्ट में हमें ज्यादा फायदा होता है। क्योंकि यह दिन का उच्चतम, निम्मत्तम, शुरुआती और बंद कीमत सभी को दिखाता है।

टेक्निकल एनालिसिस में कैंडलेस्टिक चार्ट का उपयोग बहुत ही ज्यादा किया जाता है। दुनिया भर में सबसे ज्यादा ट्रेडर कैंडलेस्टिक चार्ट प्रणाली का उपयोग करते हैं। इस जापानी कैंडलेस्टिक चार्ट के नाम पर भी जाना जाता है। इसमें बार चार्ट की तरह ही ऊंची, नीची, खुली और बंद कीमतों को दर्शाया जाता है।

अगर वॉल्यूम में छोटे-छोटे बार बनता है तो वहां पर लोग काम है और अगर वहीं पर बड़े-बड़े बार बनता है तो वहां पर लोग ज्यादा है। अगर प्राइस भी नीचे जा रहा है और वॉल्यूम भी नीचे जा रहा है तो वहां पर लोग बेचना नहीं चाहते हैं यानी रिवर्सल आने का संभावना है। लेकिन अगर प्राइस भी ऊपर जाता है और वॉल्यूम भी बढ़ रहा है तो वहां पर लोग खरीदने में दिलचस्प है। [Technical Analysis in Hindi]


दोस्तों आप कभी ना कभी घूमने जाने के समय गूगल नक्शा का इस्तेमाल क्या ही होगा। जब आप किसी अनजान जगह जाते हैं तब आप खो जाने के डर से नक्शा का इस्तेमाल करते हैं। कुछ इसी प्रकार टेक्निकल एनालिसिस काम करता है, मतलब की तकनीकी विश्लेषण में चार्ट आपके लिए एक तरीके से नक्शे का काम करता है।

अगर आप चार्ट के अभ्यास के बगैर ट्रेडिंग करते हैं तो वह अंधेरे में तीर चलाने के बराबर है। टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट हर शेयर में कैसी स्थिति है यह आपके सामने एक नक्शे की तरह पेश करता है। इसके मदद से आप सटीक रूप से यह जान सकते हैं कि अब शेयर की कीमत किस दिशा में जाने वाला है। 

जो लोग खास करके इंट्राडे ट्रेडर या फिर लघु अवधि के निवेशक होते हैं उनके लिए चार्ट का अभ्यास करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है। मतलब की लघु अवधि ट्रेडर्स को खबर होनी चाहिए कि गिरावट कहां पर समर्थन लेगी और तेजी कहां पर प्रतिरोध लगी और यह सभी प्रकार की जानकारी चार्ट के मदद से हासिल की जा सकती है।

 जो चार्ट के व्यवस्थित अभ्यास से विविध स्तरों को जानकर उनके अनुसार ट्रेडिंग की गई तो नुकसान की संभावना बहुत ही काम हो जाएगी और मुनाफे वाली ट्रेड्स की मात्रा बढ़ जाएगी।

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बिना टेक्निकल एनालिसिस के ज्ञान हासिल किए बगैर शेयर बाजार में उतारना यह हथियारों के बगैर रणभूमि में उतरने के समान है। मतलब कि चाहे आपके पास कितने भी पैसे हो, बिना टेक्निकल एनालिसिस को सीखे आप इसमें डूब ही जाओगे। टेक्निकल एनालिसिस को सीखने के लिए आपको यहां पर नीचे दिए गए बातों का ध्यान रखना होगा:

टेक्निकल एनालिसिस की मूल बातें समझने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है, यह कैसे काम करता है और इसके प्रकार जैसे लाइन चार्ट, बार चार्ट, कैंडलेस्टिक चार्ट्स और वॉल्यूम के बारे में आपको अध्ययन करना होगा।

अगर आप चार्ट का अभ्यास या फिर चार्ट को अच्छे से समझ लेते हैं तो आपके लिए टेक्निकल एनालिसिस बहुत ही आसान हो जाती है। वैसे तो बहुत सारे प्लेटफार्म है जहां आप चार्ट का अभ्यास कर सकते हैं (ट्रेडिंगव्यू, गोचार्टिंग)। आप अपने हिसाब से अलग-अलग टाइम फ्रेम्स जैसे दैनिक, साप्ताहिक और इंट्राडे को इस्तेमाल करके ट्रेंड्स और पेटर्न्स की पहचान करने के लिए ऐतिहासिक मूल्य का विश्लेषण कर सकते हैं। [Technical Analysis in Hindi]

तकनीकी विश्लेषण के प्रमुख अवधारणाओं के बारे में अध्ययन करने के लिए आपको प्राइस ट्रेंड्स जैसे अपट्रेंड, डाउनट्रेंड और साइडवेज़ ट्रेंड की पहचान करना सीखना होगा। साधारण कैंडलेस्टिक पेटर्न्स और चार्ट पेटर्न्स (हैमर, पियर्सिंग लाइन, इंगुलफिंग पेटर्न्स, हेड एंड सोल्डर पैटर्न, डबल टॉप डबल बॉटम पैटर्न) इत्यादि कैसे निर्माण होता है उनके बारे में सीखना होगा। 

तकनीकी विश्लेषण को बेहतर तरीके से अध्ययन करने के लिए आप तकनीकी संकेतक जैसे मूविंग एवरेज, बॉलिंगर बैंड्स, आरएसआई, एमएसीडी का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा प्राइस कहां पर सपोर्ट और कहां पर रेजिस्टेंस लेती है यानी समर्थन और प्रतिरोध स्तर को भी पहचानना जरूरी है।

अगर आप तकनीकी विश्लेषण को सबसे आसान तरीके से सीखना चाहते हैं तो वह है शैक्षिक संसाधनों का उपयोग करके। मतलब कि आप टेक्निकल एनालिसिस के बारे में यूट्यूब वीडियो या फिर गूगल में आर्टिकल पढ़ के मुफ्त में सीख सकते हैं। इसके अलावा आप कुछ पैसे खर्च करके ऑनलाइन कोर्सेज से भी सीख सकते हैं या फिर किताब पढ़ के टेक्निकल एनालिसिस के बारे में बेहतर तरीके से सीख सकते हैं। [Technical Analysis in Hindi]


तकनीकी संकेतक कैंडलेस्टिक पेटर्न और चार्ट पेटर्न की सटीकता को बढ़ाने में और बाजार के ट्रेंड को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तकनीकी संकेतक तकनीकी विश्लेषण का सबसे प्रमुख अंग में से एक है। टेक्निकल एनालिसिस में सैकड़ो इंडिकेटर होते हैं, लेकिन बाजार में ट्रेडिंग के लिए उपयोग में आने वाले हर इंडिकेटर की जानकारी होना आवश्यक नहीं है।

क्योंकि अगर आप सभी इंडिकेटर का उपयोग करने जाएंगे तो आप व्याकुल हो जाएंगे और ऐसी स्थिति में आपको सिर्फ उन्हें इंडिकेटर का जानकारी हासिल करना चाहिए जो अधिकतर काम करते हैं। इसीलिए हम उन्हें इंडिकेटर के बारे में जानेंगे जो अधिकतर काम करता हुआ दिखाई देता है।

तकनीकी विश्लेषण में विलंबित संकेतक जैसे मूविंग एवरेज ट्रेंड के अनुसार चलने वाले संकेतक में से एक है। मूविंग एवरेज संकेतक दीर्घकालिक ट्रेंड में बहुत अच्छा काम करता हुआ दिखाई देता है। यह इंडिकेटर भविष्य में आने वाले कीमत का अंदाजा नहीं दे सकते हैं। 

लेकिन यह बताते हैं कि बाजार किस दिशा में जा रहा है और तेजी के समय में कहां पर सपोर्ट लेते हैं, यह स्पष्ट करता है। हर कोई ट्रेडर्स दीर्घकालिक अवधि में स्वस्थ मन से किसी भी शेयर में निवेश कर सकते हैं। इस संकेतक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें ट्रेंड पकड़ने की क्षमता होती है। [Technical Analysis in Hindi]

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यह संकेतक एक समान बढ़ते और घटते बाजार में अच्छा काम करता है। इन संकेतक में बहुत ही काम संकेत मिलता है। लेकिन जब मिलते हैं यह आपको6 मुनाफे दे सकते हैं। तकनीकी विश्लेषण में 200-दिन का मूविंग एवरेज सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाले संकेतक है। जब बाजार की कीमत 200-दिन का मूविंग एवरेज को पार करके ऊपर या नीचे आता है, तब आपको कीमत तेजिया मंदी की ओर जाता जाता हुआ नजर आता है। 

MACD को भी विलंबित संकेतक माना जाता है और यह एक तकनीकी विश्लेषण में जानी मानी संकेतक में से एक है। यह इंडिकेटर लंबे समय में निर्माण होने वाले ट्रेंड में बहुत ही अच्छा काम करता है और अपने लाभप्रदता के संभावना को बहुत बढ़ा सकते हैं। 

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यह ऐसा संकेतक है जो शीर्ष ट्रेडर्स का पसंदीदा इंडिकेटर है। यह एक मोमेंटम इंडिकेटर होता है जिसमें हमें 2 लाइन देखने को मिलती है और इसके साथ-साथ हमें एक हिस्टोग्राम भी देखने को मिलती है जो दोनों लाइन के crossover पर तेजी और मंदी का संकेत देता है। 

जब भी एक लाइन दूसरे लाइन को नीचे से पार करती है तो वहां हमें तेजी का संकेत देखने को मिलता है और जब भी एक लाइन दूसरे लाइन को ऊपर से पार करती है तो वहां हमें मंदी का संकेत देखने को मिलता है।

तकनीकी विश्लेषण में अग्रणी संकेतक जैसे RSI एक लोकप्रिय इंडिकेटर में से एक है और यह अपने नाम की तरह ही बर्ताव करता है। बाजार में overbought या फिर oversold है इन सब की जानकारी यह संकेतक देती है। यह संकेतक उन ट्रेडर्स के लिए बहुत ही फायदेमंद है जो कम समय के लिए खरीदारी और बिकवाली करते हैं। [Technical Analysis in Hindi]

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RSI इंडिकेटर अधिक संकेत देते हैं और अगर ट्रेडर्स ने जागृत रहकर काम किया तो इस संकेतक के जरिए बहुत ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इस संकेतक का सबसे प्रमुख फायदा यह है कि खरीदारी और बिकवाली करने के लिए पहले ही संकेत मिल जाता है।

यह अग्रणी संकेतक अधिक ट्रेडिंग संकेत का निर्माण करता है जो कि अधिक ट्रेडिंग करने का मौका देता है। जब बाजार में मंदी चल रही हो तो कीमत oversold होकर खरीदने का मौका देती है और जब बाजार में तेजी चल रही हो तो कीमत overbought होकर बिकवाली करने का मौका देती है।

बॉलिंगर बैंड एक ऐसा संकेतक है जो आपको रिवर्सल्स के बारे में बताने में मदद करती है। इस संकेतक में आपको 3 तरह के लाइन देखने को मिलेंगे बीच वाली लाइन जिसको सिंपल मूविंग एवरेज कहा जाता है। ऊपरी और निचले बैंड दो मानक विचलन है जो थोड़े दूर होते हैं।

अब अगर आपको बैंड्स सिकुड़ता हुआ नजर आए तो यानी की काम वोलैटिलिटी या फिर साइडवेस मूवमेंट देखने को मिल सकती है और अगर यह बैंड्स विस्तार कर रहे होते हैं तो तब आपको ज्यादा वोलैटिलिटी देखने को मिल सकती है। 

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अगर कीमत ऊपरी बैंड पर है तो यानी की overbought हो चुकी है और आप यहां पर बिकवाली के लिए जा सकते हैं। और अगर प्राइस निचला बैंड पर है तो यानी की oversold हो चुकी है और आप यहां पर खरीदारी के लिए जा सकते हैं। [Technical Analysis in Hindi]


  • टेक्निकल एनालिसिस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि हम इसे इस्तेमाल करके ट्रेंड्स (अपट्रेंड, डाउनट्रेंड, साइडवेस) और पेटर्न्स को पहचान सकते हैं। मतलब कि हम पिछले कुछ दिन, हफ्तों, या महीना में बाजार की दिशा किस तरफ रही है। 
  • टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग आप किसी भी मार्केट में कर सकते हो। मतलब कि आप शेयर बाजार के अलावा फॉरेक्स, कमोडिटीज और क्रिप्टोकरेंसीज में भी टेक्निकल एनालिसिस का प्रयोग कर सकते हैं। यह विश्लेषण हर बाजार में एक जैसा ही काम करता हुआ दिखाई देता है, इसलिए अगर आप टेक्निकल एनालिसिस को सीख लेते हैं तो इसका उपयोग आप किसी भी मार्केट में कर सकते हो।
  • टेक्निकल एनालिसिस को सिखाना बिल्कुल आसान होता है, क्योंकि इसमें आपको कोई भी इकोनामिक का ज्ञान, व्यवसाय संरचना और कंपनी की बैलेंस शीट को पढ़ना आना बिल्कुल भी जरूरी नहीं होता है।
  • टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करके ट्रेडिंग करना एक सुनिश्चित कार्य समझा जाता है, क्योंकि इसमें स्टॉप लॉस ऑर्डर्स का प्रयोग किया जाता है। स्टॉप लॉस ऑर्डर्स का सही से उपयोग करने से आपको काफी बड़ा मुनाफा हो सकता और इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आपको नुकसान होता है तो स्टॉप लॉस के उपयोग के कारण बहुत कम नुकसान होता है। [Technical Analysis in Hindi]

  • टेक्निकल एनालिसिस सिर्फ स्टॉक प्राइस के सबसे संभावित उतार-चढ़ाव को बताता है ना की वास्तविक उतार-चढ़ाव को। इसका मतलब यह है कि टेक्निकल एनालिसिस के मदद से यह पता चलता है कि किसी शेयर की कीमत किस दिशा में जाने की संभावना ज्यादा है। हमें इसके जरिए कीमत की उतार-चढ़ाव एकदम सही सेनहीं पता चलता है।
  • टेक्निकल एनालिसिस कोई वैज्ञानिक सिद्धांत नहीं है जो हर बार एक समान काम करें और हर बार आपको एक समान परिणाम दे। क्योंकि यह सिर्फ आपको भूतकाल के कीमत की जानकारी के आधार पर भविष्य में मिलने वाले कीमत का अनुमान देता है।
  • टेक्निकल एनालिसिस सिखाना बहुत ही आसान है लेकिन इसका उपयोग करना और इस पर प्रभुत्व हासिल करना बहुत ही मुश्किल है। अधिकतर ट्रेडर टेक्निकल एनालिसिस के लिए अलग-अलग चार्ट्स का उपयोग करते हैं, इसीलिए इस विश्लेषण को अच्छे से पालन नहीं कर सकते हैं। [Technical Analysis in Hindi]

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टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस के बीच सबसे बड़ा और मुख्य अंतर यही है कि टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग ट्रेडर्स द्वारा किया जाता है और फंडामेंटल एनालिसिस इन्वेस्टर्स द्वारा किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कम समय की अवधि के ट्रेडर्स के लिए कारगर होता है सही फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग दीर्घकालिक अवधि के इन्वेस्टर्स के लिए कारगर होता है।

टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है और फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग लंबे समय में लगातार अच्छा मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है।

टेक्निकल एनालिसिसफंडामेंटल एनालिसिस 
कम समय में अच्छा मुनाफा देता हैलंबे समय में अच्छा मुनाफा देता है
कैंडलेस्टिक पेटर्न्स, चार्ट पेटर्न्स और टेक्निकल इंडिकेटर्स का एनालिसिस करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है चार्ट्स के बदले कंपनियों का फाइनेंशियल गोल को एनालाइज किया जाता है
बाजार के ट्रेंड को पहचानने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैव्यवसाय और उसके वातावरण की समझ की पहचान करने के लिए किया जाता है 
इसका उपयोग शेयर के प्राइस एक्शन पर आधारित होता हैइसका उपयोग सिर्फ लंबे समय निवेश के उद्देश्य से किया जाता है 
लंबे समय का मार्केट व्यू नहीं देता है लंबे समय का मार्केट व्यू देता है

आप में से बहुत सारे लोगों के मन में यह सवाल हो सकता है कि हमें कौन सी एनालिसिस यानी टेक्निकल एनालिसिस या फिर फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करना चाहिए? तो इसका सरल सा जवाब यह है कि अगर आप एक ट्रेडर है और आपको लघु अवधि के लिए ट्रेडिंग करना पसंद है तो आप टेक्निकल एनालिसिस कर सकते हैं।

वहीं दूसरी और अगर आप एक इन्वेस्टर है और आपको दीर्घकालिक अवधि के लिए निवेश करना पसंद है तो आप फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते हैं। [Technical Analysis in Hindi]


टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग करने से आप सही समय में शेयर में दाखिल होने का और बाहर निकलने का संकेत प्राप्त कर सकते हैं और अपने मुनाफे को बढ़ा सकते हैं। हमेशा ध्यान रखें की टेक्निकल एनालिसिस के ज्ञान के बगैर ट्रेडिंग ना करें।

जो लोग टेक्निकल एनालिसिस के ज्ञान के बगैर बाजार में उतरते हैं उसे ज्यादातर नुकसान ही होता है और इसका दोष बाजार को देते हैं। इसीलिए अगर आप एक सफल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो आपको टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना जरूरी है।

उम्मीद है कि मेरे द्वारा दिए गए इनफॉरमेशन आपको अच्छी लगी होगी, तकनीकी विश्लेषण के बारे में अधिक सीखने के लिए आप हमारे दूसरे आर्टिकल्स भी पढ़ सकते हैं। अगर आपके मन में इस विषय के संबंधित किसी भी प्रकार की सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट करके भी बता सकते हैं। [Technical Analysis in Hindi]

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सरल भाषा में, तकनीकी विश्लेषण चार्ट पर देखे गए मूल्य रुझानों और पैटर्न में व्यापार के अवसरों की पहचान करने को दर्शाता है। तकनीकी विश्लेषण किसी भी प्रकार की खबर या घटना पर निर्भर नहीं करता है। इसमें, आप पिछले डेटा, मूल्य आंदोलनों का विश्लेषण करते हैं और इस तरह आप ट्रेडिंग निर्णय लेते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस एक तरीके का एनालिसिस से जिसको इस्तेमाल करके लोग मार्केट को अध्ययन करते हैं। टेक्निकल एनालिसिस एक गोल्डन रूल के ऊपर बना है वह है इतिहास अपने आप को दोहराता है। टेक्निकल एनालिसिस मानता है कि मनुष्य मनोविज्ञान हजारों सालों से वही है और एक पैटर्न के अंदर काम करती है। 

यह सारे पैटर्न चार्ट के अंदर प्रतिबिंबित होते हैं और यह मानते है की मार्केट के अंदर कभी भी कुछ नया नहीं हुआ। अगर हम अतीत को अच्छे से अध्ययन कर ले और उसके पीछे की मनोविज्ञान समझ लेते हैं तो हम भविष्य की अच्छे से भविष्यवाणी कर सकते हैं और इन्हें सारी चीजों के आधार पर टेक्निकल एनालिसिस का धारणा चलता है।

टेक्निकल एनालिसिस में बहुत सारी चीज आते हैं जैसे की प्राइस एक्शन, कैंडलेस्टिक चार्ट्स, कैंडलेस्टिक पेटर्न्स, ट्रेडिंग वॉल्यूम, हिस्टोरिकल प्राइस, ट्रेंडलाइन, टेक्निकल इंडिकेटर्स, सपोर्ट और रेजिस्टेंस, इत्यादि।

हां, तकनीकी विश्लेषण वास्तव में ट्रेडिंग में बिल्कुल कम करता है। अगर आप एक सफल ट्रेडर या इन्वेस्टर बनना चाहते हैं तो आपको तकनीकी विश्लेषण के बारे में जानकारी होना और ट्रेडिंग में इसे कैसे उपयोग किया जाता है उसको भी सीखना आवश्यक है। टेक्निकल एनालिसिस ट्रेडिंग में एक ऐसा विकल्प है जिसके जरिए आप अच्छी खासी लाभ बना सकते हैं।

तकनीकी विश्लेषण का अभ्यास करने के लिए आपको प्राइस एक्शन के बारे में सीखना होगा जैसे कैंडलेस्टिक पेटर्न्स कैसे बनते हैं, सपोर्ट और रेजिस्टेंस कैसे ड्रॉ करें, चार्ट पेटर्न्स के बारे में सीखना होगा। इसके अलावा टेक्निकल एनालिसिस का अभ्यास ट्रेंड एनालिसिस और तकनीकी संकेतक जैसे मूविंग एवरेज, MACD, RSI के जरिए भी कर सकते हैं।

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