Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi: एक ऐसा कैंडलेस्टिक पेटर्न जो बहुत ही ज्यादा ताकतवर कैंडलेस्टिक पेटर्न जो की चार्ट पर जब भी बनता है उसके बाद ट्रेंड रिवर्स होने के संभावना 80% से भी ज्यादा हो जाते हैं और सबसे कमाल की बात यह है कि इस पैटर्न को पहचान करना बहुत ही ज्यादा आसान है।
यहां तक कि अगर आपको कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में कुछ भी नहीं पता है तो भी आप इस पैटर्न को बहुत ही आसानी से पहचान कर सकते हैं और उसके आधार पर ट्रेड लेकर अच्छा खासा लाभ कमा सकते हैं। जिस कैंडलेस्टिक पेटर्न कि मैं बात कर रहा हूं उसका नाम है बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न और अब इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न क्या है? (What is Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi)
जब कोई स्टॉक एक मजबूत डाउनट्रेंड में चल रहा होता है और लगातार बेयरिश कैंडल्स बनाकर डाउनट्रेंड को जारी रख रहा होता है और मार्केट एक सपोर्ट लेवल के आसपास जाकर पहुंचता है।
तो इस सपोर्टे लेवल पर आपको सबसे पहले एक बेयरिश लाल रंग की कैंडल देखने को मिलता है और अगले दिन मार्केट इस बेयरिश कैंडल के ओपनिंग प्राइस के ऊपर गैप अप ओपन होकर एक बुलिश कैंडल गठन करता है और जैसे ही मार्केट में इस तरीके की दो कैंडल का गठन होता है तो इसे बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न कहा जाता है।
अभी चार्ट पर इस तरीके का पैटर्न बनता हुआ दिखाई देता है तो मार्केट में खरीदने का संकेत उत्पन्न होता है और मार्केट डाउनट्रेंड से अपट्रेंड में शिफ्ट होता है।
बुलिश किकर पैटर्न का उदाहरण (Bullish Kicker Pattern Example in Hindi)
अगर आप चित्र में देखेंगे तो वहां पर शेयर की प्राइस डाउनट्रेंड में थी उसके बाद अंतिम जो कैंडल बनी वह एक बेयरिश यानी लाल रंग की कैंडल बनी और उसके बाद गैप अप ओपनिंग होकर बुलिश यानी हरे रंग की कैंडल बनी। जैसे ही यह बुलिश कैंडल बना उसके बाद शेयर की प्राइस में एक अच्छा खासा मूव देखने को मिला है।
यह जो दोनों मामबत्तियां है उन दोनों की बॉडी एक दूसरे से स्पर्श नहीं कर रही है। अब हर बार जरूरी नहीं है की जो कैंडल्स बन रही है वह इतनी परफेक्ट हो, हो सकता है इन दोनों की छाया (wick) एक दूसरे से स्पर्श कर रही हो तो इस मामले में चल जाएगा। [Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi]
लेकिन एक कैंडलेस्टिक पेटर्न को बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न बनने के लिए जो दो कैंडल से इन दोनों की बॉडी स्पर्श नहीं होनी चाहिए। जब भी यह बुलिश किकर पैटर्न बनता है तो यह पर्याप्त होता है, लेकिन अगर आप इसकी पुष्टिकरण करना चाहते हैं तो इसके साथ आप वॉल्यूम इंडिकेटर को भी जोड़ सकते हैं।
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बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न की विशेषताएं (Features of the Bullish Kicker Candlesticks Pattern in Hindi)
यहां बुलिश किकर कैंडलस्टिक पैटर्न की विशेषताएं दी गई हैं:
- यह पैटर्न दो कैंडलेस्टि्क्स से बनती है: एक बेयरिश यानी लाल रंग की कैंडल और दूसरी बुलिश यानी हरे रंग की कैंडल।
- बुलिश कैंडल (दूसरी कैंडल), बेयरिश कैंडल (पहली कैंडल) के क्लोजिंग प्राइस के थोड़ी सी ऊपर गैप अप बनाकर ओपन होती है।
- बुलिश कैंडल यानी दूसरी कैंडल आमतौर पर पूरे ट्रेडिंग सत्र के दौरान मजबूत बाइंग प्रेशर को दिखाता है।
- यह पैटर्न डाउनट्रेंड के अंत में यानी चार्ट के बॉटम पर बनता हुआ दिखाई देता है।
- यह कैंडलेस्टिक पेटर्न हमेशा सपोर्ट लेवल पर बनना चाहिए।
- यह एक मजबूत रिवर्सल पैटर्न है जो दर्शाता है कि बाजार की कीमत मंदी से तेजी की ओर जाने वाला है।
- उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम पर बुलिश कैंडल यानी दूसरी कैंडल बनता है, जो खरीदारी के दबाव की ताकत की पुष्टि करता है।
- यह कैंडलेस्टिक पेटर्न दैनिक और साप्ताहिक चार्ट्स पर सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। [Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi]
बुलिश किकर कैंडलस्टिक की पहचान कैसे करें? (How to Identify Bullish Kicker Candlestick in Hindi)
बुलिश किकर कैंडलस्टिक की पहचान करना बहुत ही आसान है। इस पैटर्न को पहचानने के लिए इन स्टेप्स का पालन करें।
स्टेप 1: पहली कैंडलस्टिक एक बड़ी मंदी वाली कैंडलस्टिक होनी चाहिए और पिछली कैंडलस्टिक्स को भी मूल्य चार्ट पर डाउनट्रेंड का प्रतिनिधित्व करना चाहिए।
स्टेप 2: दूसरी कैंडलस्टिक एक बड़ी तेजी वाली कैंडलस्टिक होनी चाहिए जो पिछली मंदी वाली कैंडलस्टिक के ऊपर एक गैप अप के साथ खुलेगी और फिर यह शुरुआती कीमत से ऊपर बंद हो जाएगी।
स्टेप 3: यह पैटर्न एक मजबूत तेजी से उलटफेर का संकेत देता है जो दर्शाता है कि खरीदारों ने पूर्ण नियंत्रण ले लिया है।
इन स्टेप्स का पालन करके ट्रेडर्स इस पैटर्न को आसानी से पहचान सकते हैं और लाइव मार्केट में इसका लाभ भी उठा सकते हैं। पैटर्न को बेहतर तरीके से समझने के लिए चित्र पर ध्यान दें।
बुलिश किकर पैटर्न बनने की पीछे का मनोविज्ञान क्या है? (Psychology Behind a Bullish Kicker Pattern in Hindi)
जब बाजार की कीमत डाउनट्रेंड में चल रहा होता है तो बाजार को लगातार सेलर्स नियंत्रण कर रहा होता है और धीरे-धीरे नीचे की ओर लेकर जा रहा होता है और कीम जब भी सपोर्ट लेवलके आसपास जाकर पहुंचता है तब सेलरएस धीरे-धीरे अपना इंटरेस्ट को कम कर देता है।
क्योंकि सपोर्ट लेवल होने के वजह से बायर्स कभी भी सक्रिय हो सकते हैं और खरीदारी करके मार्केट को ऊपर लेकर जा सकते हैं। तो बायर्स मजबूती से सपोर्ट लेवल पर बहुत सारा क्वांटिटी में खरीद लेते हैं और वहां पर पहले का कैंडल यानी लाल रंग की कैंडल बना है और इसके ऊपरमार्केट गैप अप ओपन होता है।
जैसे ही इस तरीके की कैंडलेस्टिक पेटर्न का फॉर्मेशन बन जाते हैं तो सेलर्स समझ जाते हैं कि बाजार को अब बायर्स ने नियंत्रण कर लिया है और बाजार की कीमत अब तेजी की ओर मूव करेगा तो सेलर्स भी अपना पोजीशन को एग्जिट कर देते हैं।
जैसे ही मार्केट में बहुत सारा बाइंग ऑर्डर्स एग्जीक्यूट होते हैं तब चार्ट में एक बुलिश कैंडल यानी हरे रंग की कैंडल बनता है जो दर्शाता है कि बाजार की कीमत डाउनट्रेंड से अपट्रेंड (मंदी से तेजी) की ओर जाने वाले हैं। [Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi]
तकनीकी विश्लेषण में बुलिश किकर पैटर्न का उपयोग कैसे करें? (How to Use the Bullish Kicker Pattern in Technical Analysis in Hindi)
तकनीकी विश्लेषण में बुलिश किकर पैटर्न का उपयोग करने से पहले इसको पहचानना बहुत जरूरी है और इसको पहचान के लिए जब चार्ट में एक लाल लंबी कैंडल के बाद थोड़ी उच्च स्टार में एक लंबी तेजी वाली कैंडल खुलता है।
पैटर्न के बनने के बाद तीसरी कैंडल खुलने पर ट्रेडर्स लॉन्ग पोजीशन के लिए एंट्री कर सकते हैं और अपना टारगेट एक संभावित स्तर पर रख सकते हैं। अनावश्यक नुकसान से बचने के लिए ट्रेडर्स स्टॉप लॉस ऑर्डर का भी उपयोग कर सकते हैं जो होगा मंदी की मोमबत्ती के निचले स्तर पर।
तकनीकी विश्लेषण के जरिए पैटर्न की पुष्टि करने के लिए ट्रेडर्स सर्वोत्तम तकनीकी संकेतक जैसे मूविंग एवरेज, वॉल्यूम और ट्रेंड एनालिसिस का उपयोग कर सकते हैं। इस पैटर्न से मुनाफा कमाने के लिए ट्रेडर्स समर्थन और प्रतिरोध स्तर को निर्धारित कर सकते हैं और जोखिम-इनाम अनुपात का लक्ष्य भी रख सकते हैं। [Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi]
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न के साथ व्यापार कैसे करें? (How to Trade with the Bullish Kicker Candlestick Patterns in Hindi)
बुलिश किकर डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न है और इसमें एक रेड कैंडलेस्टिक नीचे की तरफ बनती है और दूसरी कैंडलेस्टिक ग्रीन बनती है जिसकी ओपनिंग रेड कैंडल के ऊपर होती है एक अंतराल के साथ। यह पैटर्न चार्ट के बॉटम पर बनते हुए एक बुलिश ट्रेंड रिवर्सल को दिखाता है मतलब की मार्केट ऊपर की तरफ जाएगा।
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पैटर्न में एंट्री कब ले?
बुलिश किकर पैटर्न बनते ही ट्रेड में एंट्री नहीं लेना है, कन्फर्मेशन कैंडल की प्रतीक्षा करते हुए जैसे ही उसके अगले वाली कैंडल ग्रीन कैंडल का हाई ब्रेक कर दे तब आप ट्रेड में एंट्री ले सकते हैं। अच्छे से समझने के लिए चार्ट पर देखें कि जैसे ही ग्रीन कैंडल का हाई ब्रेक हुआ तब कितनी बढ़िया तेजी देखने को मिली है।
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पैटर्न में टारगेट कहां सेट करें?
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक में टारगेट सेट करने के लिए सबसे आसान तरीका है जोखिम-इनाम अनुपात, मतलब कि आप अपना टारगेट 1:4 के हिसाब से रख सकते हैं यानी अगर आपकी स्टॉपलॉस 1 रुपए है तो आपका टारगेट होगा 4 रुपए।
दूसरी तरफ देखा जाए तो यह पैटर्न सपोर्ट लेवल के आसपास ही बनता हुआ दिखाई देते हैं ऐसे में आप अपना टारगेट अगले रेजिस्टेंस लेवल पर सेट कर सकते हैं।
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पैटर्न में स्टॉपलॉस कहां सेट करें?
बुलिश किकर पैटर्न में स्टॉपलॉस सेट करना सबसे आसान है, क्योंकि इसमें स्टॉपलॉस लगाने के लिए इस पैटर्न की जो पहली कैंडल यानी बेयरिश कैंडल है इसके लो प्राइस या फिर उससे थोड़ा नीचे सेट कर सकते हैं। [Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi]
निष्कर्ष
जितना ज्यादा गैप दो कैंडल्स के बीच में होगा यानी जितना ज्यादा गैप अप ओपनिंग होगी उतना ही ज्यादा यह बुलिश किकर पैटर्न मजबूत होगा। ध्यान रखें की इस पैटर्न की जितनी छोटी छाया (wick) होगी उतना ज्यादा ही यह कीकर पैटर्न शक्तिशाली होगा।
इस बात का भी जरूर ध्यान रखें की अगर बुलिश किकर पैटर्न बनने के साथ-साथ वॉल्यूम भी बढ़ रहा है तो वह और भी ज्यादा मजबूत हो जाता है, क्योंकि इससे हमें यह पता चलता है कि उस स्टॉक में बायर्स या सेलर्स बढ़ गए हैं।
मैं आशा करता हूं कि मेरे द्वारा दिए गए इनफॉरमेशन आपको पसंद आई होगी, टेक्निकल एनालिसिस और कैंडलेस्टिक पेटर्न्स के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हमारे दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं। [Bullish Kicker Candlestick Pattern in Hindi]
ये भी पढ़ें: बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न – जानने योग्य 10 पेटर्न्स
बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
Q1. क्या बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न लाभदायक है?
हां, बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न बिल्कुल लाभदायक है। बहुत सारे सफल ट्रेडर्स है जो इस पैटर्न को तकनीकी विश्लेषण के जरिए उपयोग करके अच्छा खासा लाभ बनाते हैं। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें की यह पैटर्न 80% लाभदायक है मतलब कि अगर आप 10 बार ट्रेड लेते हैं तो उसमें से 8 बार सफल होने के संभावना होते हैं। इसीलिए यह लाभदायक तब होगा जब इसे आप अपने जोखिम प्रबंधन रणनीतियों के साथ ट्रेड करेंगे।
Q2. बुलिश किकर कैंडलेस्टिक पेटर्न कितनी कैंडल से मिलकर बनती है?
बुलिश किकर पेटर्न को डबल कैंडलेस्टिक पेटर्न कहा जाता है, इसीलिए यह दो कैंडल्स से मिलकर बनती है। इस पैटर्न की जो पहली कैंडल होती है वह लाल रंग की होती है और दूसरी कैंडल हरा रंग की होती है।
Q3. बुलिश किकर की सफलता दर क्या है?
बुलिश किकर दो कैंडलेस्टिक से बनता है जो एक मजबूत बुलिश ट्रेंड रिवर्सल को दर्शाता है और बड़े-बड़े ट्रेडर्स की मानना है की इस पैटर्न की सफलता दर है 60-80%. इसका मतलब यह है कि अगर आप 10 बार ट्रेड लेते हैं तो इसमें से 6-8 बार अपने ट्रेड में सफल होने के संभावना होता है।
Q4. कौन सा तेजी पैटर्न सबसे अच्छा है?
6 सबसे अच्छा तेजी वाले पेटर्न्स है:
- बुलिश किकर
- पियर्सिंग लाइन
- बुलिश एनगल्फिंग
- हैमर
- तीन श्वेत सैनिक
- मॉर्निंग स्टार
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