एटीपी का फुल फॉर्म | ATP in Share Market in Hindi

ATP in Share Market in Hindi

ATP in Share Market in Hindi: ATP यानी Average Traded Price का उपयोग ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स इसलिए करते हैं ताकि सुचित निर्णय ले सके। अगर आप एटीपी की अच्छी खासी जानकारी रखते हैं तो यह आपको मार्केट ट्रेंड्स की कीमती अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं।

और तो और यह ट्रेडर्स को प्राइस मूवमेंट्स को एनालाइज करने में और ट्रेडिंग रणनीतियों को बेहतर करने में भी मदद करते हैं। इसीलिए आज हम इस आर्टिकल में यह एटीपी होता क्या है, शेयर बाजार में इसका उपयोग करके व्यापार कैसे करते हैं, इसका फार्मूला और महत्व क्या है और शेयर बाजार में इसकी सीमाएं क्या होती है, इन सब के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

शेयर बाजार में, एटीपी जिसका फुल फॉर्म है “Average Traded Price” एक संकेतक है जिसका उपयोग बहुत सारे ट्रेडर्स द्वारा इंट्राडे ट्रेडिंग में किया जाता है। मतलब की ट्रेडर्स इसका उपयोग इसलिए करते हैं ताकि वह डे ट्रेडिंग सत्र के दौरान गतिविधि को बेंचमार्क कर सके और किसी स्टॉक की कीमत में उतार-चढ़ाव की ट्रेंड की पहचान कर सके।

आमतौर पर इसका उपयोग इसलिए भी होता है कि यह हमको सटीक कीमत बताता है कि ट्रेडर्स या इन्वेस्टर्स का भाग लेने कि प्राइस पर सबसे ज्यादा हुआ है। इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि सबसे ज्यादा जिस प्राइस पर भाग लिया गया है उसी प्राइस को एटीपी (Average Traded Price) कहा जाता है। 

उदाहरण के लिए, मान लीजिए Tata Power की शेयर की कीमत 300 चल रही है और इसका जो एटीपी है वह लगभग चल रहा है 295 पर। अब आप देख रहे हैं कि इसका जो एटीपी है वह इसके वर्तमान कीमत से नीचे है। तो इस मामले में देखा जाएगा की 295 के आसपास ट्रेडर्स द्वारा सबसे ज्यादा भाग लिया गया है, तो ऐसे में स्टॉक की कीमत ऊपर जाने का संभावना ज्यादा होती है और आप खरीदारी का पोजीशन लेकर चल सकते हैं। [ATP in Share Market in Hindi]

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शेयर मार्केट में एटीपी चेक करना बहुत ही ज्यादा आसान है। आजकल आपको बहुत सारे ऐसे ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मिल जाएंगे जो ATP की जानकारी प्रदान करते हैं। इसकी जांच करने के लिए आपको करना यह है कि आपकी जो भी ब्रोकर या ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है उसे पर लोगिन करने के बाद आपकी पसंदीदा स्टॉक को खोजें और तभी आप ATP के बारे में जानकारी पा सकेंगे।

ATP in Share Market in Hindi

अगर आप एटीपी का उपयोग करके व्यापार करने का सोच रहे हैं तो इस सुझाव का पालन करते हैं तो शेयर बाजार में 50%-60% बार सफल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आपने Reliance का शेयर खरीदा है 1,220 रुपए में और अब चल रहा है 1280 रुपए में।

लेकिन एटीपी यानी Average Traded Price देख रहे हैं कि 1230 रुपए में, तो जब तक Reliance का शेयर 1230 रुपए के ऊपर रहता है आपको मानकर चलना है कि इस शेयर का प्राइस ऊपर की तरफ जा रहा था वह अभी भी जारी रखा है।

अगर Reliance का शेयर ATP के नीचे चला आता है तो आपको सचेत होना होगा कि पहली नकारात्मक संकेत मिल चुका है कि Reliance नीचे आ सकता है। इसीलिए अगर आप ATP का उपयोग करके ट्रेड करना चाहते हैं तो 50-60% बार ही लाभ बना सकते हैं। [ATP in Share Market in Hindi]

यह बहुत ही आसान तरीका है मतलब कि सिर्फ आपको अपने ब्रोकर ब्रोकर के वाचलिस्ट में जाकर आप एटीपी को जांच सकते हैं और फिर आप एंट्री लेकर लाभ बनाने की कोशिश कर सकते हैं। अगर आपको और भी ज्यादा एक्यूरेसी चाहिए तो सिर्फ एटीपी से काम नहीं चलेगा आपको दूसरे संकेतक का भी इस्तेमाल करना होगा।

ATP in Share Market in Hindi

शेयर बाजार में किसी भी स्टॉक कि एटीपी यानी Average Traded Price को कैलकुलेट करने के लिए निम्नलिखित फॉर्मूला का प्रयोग करें: 

कुल कारोबार मूल्य (Total Traded Value) / कारोबार की गई कुल मात्रा (Total Quantity Traded) = एटीपी (ATP).

उदाहरण स्वरूप, अगर किसी स्टॉक का कुल कारोबार मूल्य पूरे दिन की ट्रेडिंग सत्र दौरान ₹5,00,000 है और कारोबार की गई कुल मात्रा है 5,000 शेयर्स, तो उस स्टॉक का एटीपी होगा 5,00,000 / 5,000 = ₹100.

ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स के लिए यह एटीपी का फार्मूला बहुत ही ज्यादा फायदेमंद हो सकता है किसी भी स्टॉक की एवरेज प्राइस को कैलकुलेट करने, ट्रेडिंग रणनीतियां बनाने में और ट्रेडिंग निर्णय लेने में भी। [ATP in Share Market in Hindi]


ATP का महत्व यह है कि किसी भी स्टॉक में ट्रेड बनाने से पहले एटीपी का जांच जरुर करें, ताकि आपको यह पता चले की बाजार की Average Traded Price क्या है और यह आपका एक बेहतरीन ट्रेडिंग प्रणाली भी बन जाएगा।

हमें ATP को देखने का महत्व यही है कि किसी भी शेयर की वोलैटिलिटी अधिक होने के कारण ऊंची और नीची कीमत बहुत अधिक होता है, इसी एटीपी की मदद से हमें ट्रेड लेने में आसानी होती है।


एटीपी की सबसे बड़ी सीमाएँ यही है कि यह किसी स्टॉक के वर्तमान बाजार मूल्य की एटीपी को सही रूप से नहीं बताते हैं।

  • अस्थिर बाज़ारों में कम प्रभावी: वोलेटाइल बाजार में एटीपी की ट्रेडिंग रणनीति गलत हो सकती है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण मूल्य उतार-चढ़ाव के दौरान कीमतों का औसत बनाता है, जिससे संभावित रूप से वास्तविक समय में price trends बनते हैं।
  • व्यापार मात्रा वितरण पर ध्यान नहीं देता: यह जो ATP है यह high और low  volumes वाले ट्रेडों के बीच अंतर नहीं करता है। एक अकेला high-volume वाला ट्रेड एटीपी को विकृत कर सकता है, जिससे average traded गतिविधि का विकृत दृश्य मिलता है।
  • विलंबित कैलकुलेशन: कुछ मामलों में, एटीपी का अपडेट्स वास्तविक ट्रेडिंग गतिविधि में lag होता है जिसके चलते इसकी उपयोगिता को कम करते हैं बहुत से ट्रेडर्स के लिए ट्रेडिंग निर्णय लेने में तत्काल डेटा की आवश्यकता है। [ATP in Share Market in Hindi]

अगर आप ट्रेडिंग करते समय एटीपी पर नजर रखते हैं, तो यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकता है। क्योंकि अगर आप एटीपी का उपयोग करके ट्रेडिंग करते हैं तो यह आपके एक्यूरेसी को बढ़ाते हैं और लाभ बनाने में भी मदद करते हैं। 

एटीपी को हमेशा दूसरे संकेतक से जोड़ के ही इसका इस्तेमाल करें, इससे होगा यह है कि आपका जो ट्रेडिंग रणनीतियां है उसको सटीकता देने में और ट्रेडिंग निर्णय लेने में भी मदद करेगी।

उम्मीद है कि मेरे द्वारा दिए गए जानकारी आपको अच्छी लगी होगी, स्टॉक मार्केट के बारे में सीखने के लिए आप हमारे दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं और अगर आपके मन में शेयर बाजार के एटीपी के बारे में कोई भी सवाल हो तो आप हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके पूछ सकते हैं। [ATP in Share Market in Hindi]

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शेयरों में एटीपी का मतलब होता है ‘औसत कारोबार मूल्य’ जो उस औसत कीमत का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर एक ट्रेडिंग सत्र के दौरान किसी स्टॉक का कारोबार किया गया है।

एटीपी कमोडिटी ट्रेडिंग और स्टॉक में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मीट्रिक है। इंट्राडे ट्रेडर्स, स्विंग ट्रेडर्स और स्कॉलर्स के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है यह एटीपी, ताकि आप सूचित निर्णय ले सको और ट्रेडिंग रणनितियाबना सको। एटीपी का उपयोग आप मजबूत वॉल्यूम के साथ कर सकते हैं जो खरीदारी का दबाव को दर्शाता है।

स्टॉक में एटीपी यानी औसत कारोबार मूल्य की गणना करने के लिए स्टॉक का कुल कारोबार मूल्य को किसी स्टॉक का कारोबार की गई कुल मात्रा को विभाजित करना होगा। इसका फार्मूला है – एटीपी = कुल कारोबार मुला / कारोबार की गई कुल मात्रा। एटीपी ट्रेडर्स को दिन के दौरान औसत खरीद या बिक्री स्तर को समझने में मदद करता है।

हां, एटीपी का उपयोग शेयर बाजार में तकनीकी विश्लेषण के लिए बिल्कुल क्या जा सकता है। एटीपी उस औसत कीमत का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर किसी शेयर ने एक कारोबारी दिन के दौरान कारोबार किया है।

शेयर बाजार में शेयरों के लिए एटीपी डेटा विभिन्न प्रकार से मिल सकता है जैसे स्टॉक एक्सचेंज (NSE, BSE), फाइनेंशियल वेबसाइट्स, वित्तीय डेटा प्रदाता (मनीकॉन्ट्रोल, ट्रेडिंगव्यू), ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर (जीरोधा काईट, उपस्टॉक्स, एंजेल वन), इत्यादि।

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